नई दिल्ली: अक्सर डायबिटीज के मरीजों को समझ नहीं आता है कि मौसमी फलों में क्या खाएं, क्या ना खाएं। आजकल आम बहुत मिल रहा है, जिसका अधिक सेवन करना डायबिटीज रोगियों के लिए ठीक नहीं होता है।लेकिन, कुछ लोग आम बहुत अधिक खा लेते हैं, जिससे उनका शुगर लेवल हाई हो सकता है। ऐसे में एक्सपर्ट भी अक्सर सलाह देते हैं कि डायबिटीज के रोगियों को अत्यधिक सावधानी के साथ फलों का सेवन करना चाहिए। फल जैसे तरबूज, अंगूर ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) में उच्च होते हैं।
ऐसे में यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि क्या मधुमेह में इन फलों का सेवन किया जा सकता है, क्या ये सुरक्षित हैं?हमेशा से ऐसा कहा जाता रहा है कि डायबिटीज के रोगियों को फलों के सेवन करने के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि जटिलताओं से बचे रहें। खासकर, गर्मी में मिलने वाले या सीजनल फलों के सेवन के दौरान। आपको डायबिटीज है, तो आप फल खा सकते हैं, लेकिन सिर्फ वही फल जो बहुत अधिक मीठे नहीं होते हैं।हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि मधुमेह से ग्रस्त लोग बिल्कुल भी फल नहीं खा सकते हैं, लेकिन वही फल खाएं, जो ग्लाइसेमिक इंडेक्स में हाई न हों। जीआई के अनुसार, ही फलों की मात्रा और फलों का चुनाव करना चाहिए। कुछ फल, जैसे सेब, संतरा, अंगूर, चेरी और अमरूद मधुमेह रोगियों के लिए खाने के लिए सुरक्षित हैं और टाइप-2 डायबिटीज के प्रबंधन में भी मदद करते हैं। जिन लोगों को मधुमेह है, उन्हें आमतौर पर कार्बोहाइड्रेट की संख्या और वो जो भी खाते-पीते हैं, उसकी मात्रा का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है, फिर चाहे इसमें कम जीआई ही क्यों ना है।
फलों का सेवन करते समय कुछ कारकों को ध्यान में रखा जाना चाहिए जैसे कि फल का पकना, जो कि उसके जीआई को प्रभावित करता है।मधुमेह रोगियों के लिए मीठा खाने की लालसा को पूरा करने के लिए ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी जैसे फलों को प्राथमिकता दी जाती है। वे एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर, पोटैशियम, मैंगनीज और विटामिन सी और के से भरपूर होते हैं। तरबूज जैसे फलों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) 72 प्रति 100 ग्राम होता है, लेकिन इसे खाते समय इस बात का ध्यान भी रखें कि इसमें थोड़ा कार्ब्स भी होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को न्यूनतम रूप से प्रभावित कर सकता है।ब्लैकबेरी, सेब, एवोकाडो, स्ट्रॉबेरी, आलूबुखारा, अंगूर, आड़ू, नाशपाती और चेरी का सेवन सीमित मात्रा में करना सुरक्षित है, क्योंकि इनमें 20-49 जीआई लेवल होते हैं, जो इन्हें लो जीआई फलों के रूप में वर्गीकृत करता है।
अत्यधिक फाइबर और लो जीआई होने के कारण ये सभी फल ब्लड शुगर टॉलरेंस में सुधार करने में मदद करते हैं। बता दें कि डायबिटीज के मरीजों को खानपान में काफी सावधानी बरतनी होती है। फूड हैबिट्स में जरा सी भी लापरवाही शुगर लेवल को तेजी से हाई कर सकता है। मधुमेह आज बेहद ही कॉमन बीमारी होती जा रही है। अब तो युवाओं, बच्चों को भी ये समस्या घेर रही है। एक बार मधुमेह हो जाए, तो फिर इसका स्थायी इलाज कोई नहीं है। आप बस हेल्दी खानपान और जीवनशैली अपनाकर इसे कंट्रोल में रख सकते हैं।