नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में वाहनों की प्रदूषण जांच नहीं कराने वालों को 10 हजार रुपए का ई-चालान भेजेगी। चालान से पहले वाहन मालिकों को नोटिस भेजा जाएगा, जिसकी शुरुआत मंगलवार से होगी। सात दिन बाद भी प्रदूषण जांच नहीं कराने पर ई-चालान किया जाएगा। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, दिल्ली में 15 लाख से अधिक वाहन है, जिन्होंने समय पर प्रदूषण जांच नहीं कराई है। अधिकारी के मुताबिक, अभी तक सड़क पर चलने वाले वाहनों की जांच के समय प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर चालान काटा जाता था। पहली बार ऐसे वाहनों को नोटिस भेजकर चालान काटने का फैसला लिया गया है।
जांच न कराने वाले वाहनों की सूची तैयार परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों की सूची भी तैयार कर ली है। दिल्ली में बीएस चार मानक वाले वाहनों को साल में एक बार प्रदूषण जांच करानी होती है। वहीं, बीएस 3 वाले वाहनों को साल में दो बार जांच करानी होती है। दिल्ली में वाहनों के प्रदूषण जांच के लिए 973 केंद्र बनाएं गए है। विभाग की इस योजना को लेकर सरकार की ओर से सोमवार को मंजूरी दे दी गई है। परिवहन विभाग इन वाहनों को मंगलवार से नोटिस जारी करना शुरू कर देगी।
रोजाना 1500 वाहन मालिकों को नोटिस अधिकारी ने बताया कि रोजाना 1000-1500 वाहनों को नोटिस जारी किया जाएगा। वाहन मालिकों को नोटिस मिलने के सात दिनों के अंदर अपने वाहन का प्रदूषण जांच करानी होगा। अगर वह ऐसा नहीं करते है तो उनका ई-चालान किया जाएगा। जिसके बाद उन्हें 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा। क्या है प्रावधान प्रदूषण जांच किए बगैर वाहन चलान पर 10 हजार रुपये के चालान का प्रावधान है। उसके बाद दोबारा अगर प्रदूषण जांच के बगैर पकड़े गए तो जुर्माने के साथ तीन महीने के लिए डीएल भी निलंबित किया जा सकता है।
अधिकारी ने कहा कि उन वाहनों को छूट देने का कानूनी प्रावधान है जो सड़कों पर नहीं चल रहे हैं। अधिकारी ने कहा, उदाहरण के लिए सेना के एक सेवानिवृत्त कर्नल ने परिवहन विभाग को लिखा है कि उनका बेटा विदेश में है और उनका वाहन उनके गैरेज में खड़ा है। तो निश्चित रूप से जो वाहन सड़कों पर नहीं चल रहे हैं, उन्हें पीयूसी प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है।