नई दिल्ली : गुजरात में बोटाद जिले के रोजिद गांव में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या जहां 28 तक पहुंच गई है, वहीं घटना को लेकर अब राजनीतिक गलियारों में भी शोर सुनाई देने लगा है। साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हुई इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी सूबे की भूपेन्द्र पटेल सरकार को घेरने में जुट गई है। मंगलवार को गुजरात पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जहां मामले को लेकर सवाल उठाए, वहीं पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि बीते 15 सालों में 845 लोगों की जहरीली शराब पीने की वजह से मौत हो चुकी है।
गुजरात के राजकोट पहुंचे केजरीवाल ने कहा, ‘मेरे संज्ञान में एक बहुत ही दुखद घटना आई है कि भावनगर में जहरीली शराब पीने से 25 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’ केजरीवाल ने आगे सवाल उठाते हुए कहा कि अगर गुजरात ड्राई स्टेट है तो राज्य में खुलेआम शराब कैसे बिक रही है और इससे किसे फायदा हो रहा है? उन्होंने कहा कि गुजरात में यह पहली बार नहीं है, जब जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई हो। उन्होंने कहा कि आखिर सरकार इसपर ध्यान क्यों नहीं दे रही है।
दूसरी ओर दिल्ली में आम आदमी पार्टी से विधायक और पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि गुजरात ड्राई स्टेट है, फिर भी 15 साल में 845 से ज्यादा लोगों की ज़हरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है। सौरभ ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘इतना बड़ा ऑर्गनाइज्ड नेटवर्क किन राजनेताओं के संरक्षण में चल रहा है? शराबबंदी से सरकार को 15,000 करोड़ का नुकसान हो रहा है लेकिन शराब तो खुलेआम बिक रही है। तो ये पैसा किसकी जेब में जा रहा है?’
सौरभ ने कहा, ‘कुछ लोग चाहते हैं गुजरात की तरह दिल्ली में भी नक़ली और ज़हरीली शराब का कारोबार चले। जब से दिल्ली सरकार नई एक्साइज पॉलिसी लाई है, ये लोग बहुत परेशान हैं। ये लीगल दुकानें हटाकर वही पुराना धंधा शुरू करना चाहते हैं।’ वहीं आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि गुजरात में 27 से अधिक लोगों की जान नहीं गई, उनकी हत्या की गई है। गुजरात की भाजपा सरकार के नेतृत्व में नक़ली शराब का धंधा चल रहा है। भाजपाइयों को इसमें करोड़ों रुपए की रिश्वत मिलती है। उन्होंने कहा कि यही नक़ली शराब का धंधा ये लोग दिल्ली में करना चाहते हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।