बेटी का स्कूल जाना मना है! मध्य प्रदेश के शाजापुर में दबंगों ने रोका रास्ता, लाठी-डंडों से हमला
शाजापुर : एक तरफ जहां देश में सर्वोच्च संवैधानिक पद पर द्रौपदी मुर्मू के रूप में एक आदिवासी बेटी आसीन हुई है तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के शाजापुर में स्कूल जाने की वजह से एक बच्ची और उसके परिवार को दबंगों के जुल्म का सामना करना पड़ रहा है। मध्यप्रदेश के शाजापुर दबंगों की धमकी को नजरअंदाज करके स्कूल जाने वाली बच्ची के परिवार पर हमला कर दिया गया। पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
मामला शाजापुर जिले के बावलियाखेड़ी गांव का है। 16 वर्षीय छात्रा लक्ष्मी मेवाड़ा स्कूल पढ़ने जाती है, जिसे स्कूल नहीं जाने के लिए गांव के माखन कुंदन और धर्मेंद्र सिंह ने मना किया, गांव के तीनों युवकों का बालिका से कहना था कि हमारे गांव की कोई भी लड़की पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जा रही है तो तुम क्यों पढ़ने के लिए स्कूल जा रही हो। लक्ष्मी ने घर में यह बात बताई तो उसका भाई तीनों लड़कों से बातचीत के लिए गया। लेकिन दबंगों ने उसे पीट डाला। इसके बाद दोनों पक्षों में लाठी-डंडे चलने लगे। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर जमकर लाठियां भांजीं। वहां मौजूद लोगों ने मारपीट का वीडियो भी बनाया।
छात्रा के परिवार के पांच लोग घायल हुए हैं, जो जिला अस्पताल में भर्ती हैं। उधर, आरोपी फरार है। विवाद में 55 साल के नारायण मेवाड़, 50 साल की अंतर बाई, 25 साल के लखन परिहार, 27 साल के कमल मेवाड़ और 16 साल के सचिन को चोट आई है। जिनका उपचार जिला अस्पताल में किया जा रहा है।
पुलिस ने घटना के बाद फरार चल रहे 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। कोतवाली थाना प्रभारी अवधेश कुमार शेषा ने कहा कि यह घटना उस समय हुई थी जब बच्ची स्कूल जा रही थी। कुछ लोगों ने उसका रास्ता रोका और स्कूल बैग छीन लिया। उसे स्कूल जाने से मना किया। इसके बाद लड़की के परिवार और आरोपियों के रिश्तेदारों में झड़प हुई। शिकायत के बाद पुलिस ने सात आरोपियों को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और एससी-एसटी ऐक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। दूसरे पक्ष की शिकायत पर लड़के के भाई के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।