मध्य प्रदेशराज्य

मंत्रालय की नई एनेक्सी में बने पेडस्टल पर लगेगी पूर्व मुख्यमंत्रियों की मूर्तियां

भोपाल : मंत्रालय की नई एनेक्सी में बने पेडस्ट्रल पर लगने वाली पूर्व मुख्यमंत्रियों की मूर्तियों के नाक-नक्श अब उनके परिजन ही फाइनल करेंगे। दरअसल मूर्तियों के स्वरूप को फाइनल करने के लिएअफसरों और मंत्रियों की समितियां इनके नाक-नक्श फाइनल नहीं कर पा रही है। इसलिए अब यह जिम्मेदारी उनके परिजनों को ही सौंपी जा रही है।

मंत्रालय की नई एनेक्सी में इन मूर्तियों (बस्ट) को लगाने के लिए पेडस्टल बनकर तैयार हो चुके है। मार्च-अप्रैल 2021 से यह काम चल रहा है। नई एनेक्सी में कुल 34 पैडस्टल बनाए गए है। इनमें से चौदह पर पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिमा लगाई जानी है। शेष पेडस्टल पर सजावटी पौधों के गमले रखे जाएंगे। एक करोड़ की लागत से मध्यप्रदेश के सभी दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्रियों के कांसे से प्रतिमाएं बनाई जानी है। इन्हें यहां लगाया जाएगा। विधानसभा में लगी सभी दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्रियों की तस्वीरों को देखकर कंजर्व भाव संस्था के कलाकारों ने क्ले से ये इन मूर्तियों के पुतले तैयार किए है।

मूर्तियों के आकार और नाक-नक्श को तय करने के लिए पहले सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी। इसके बाद लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव की अध्यक्षता में मंत्रियों की समिति बनाकर उन्हें इन मूर्तियों के स्वरुप को फाइनल करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

क्ले मिट्टी से मूर्तियों को आकार देने वाले कलाकारों ने जो मूर्तियां तैयार की उसमें प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल की मूछें कई बार ठीक की गई। तो पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह का चश्मा सही तरीके से फिट करने के लिए कई बार बदलाव किए गए। पूर्व सीएम गोविंद नारायण सिंह की हेयर स्टाइल में कई बार बदलाव किए गए लेकिन इस सबके बावजूद मूर्तियां सही आकार नहीं ले पाई है। क्ले से तैयार पांच मूर्तियां इंदौर में रखी है और बाकी दिल्ली में रखी है।

मंत्री और अफसरोें की समिति यदि मूर्तियों को फाइनल करती तो दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिजन ही उसमें कमियां निकालते। इसलिए अब इन क्ले की मूर्तियों के पुतले के नाक-नक्श और आकार को फाइनल करने की जिम्मेदारी मंत्रियों के परिजनों को ही सौंप दी गई है। पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेन्द्र पटवा और पूर्व सीएम स्वर्गीय कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी ने इसमें पहल की है। उन्हें पहले ये प्रतिमाओं के मॉडल दिखाकर अंतिम रूप से मूर्तियां तैयार कराई जाएंगी।

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