पढ़िए, क्यों निकाल दिए गए आईआईटी से 80 स्टूडेंट्स?
जो स्टूडेंट मर्सी अपील करेंगे, उनके आवेदन का अध्ययन पहली जनवरी को आईआईटी की सीनेट करेगी। देखेगी कि किस स्टूडेंट को पढ़ने की अनुमति दी जा सकती है।
प्रोग्राम से टर्मिनेशन की स्थिति में एक सेमेस्टर (छह महीने) की पढ़ाई ब्रेक हो जाती है। इसके बाद फिर मर्सी अपील की मौका मिलता है। अपील मान ली गई तो पढ़ाई की जा सकेगी वर्ना स्टूडेंट को बाहर का रास्ता देखना पड़ेगा।
अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंटों की सीपीआई चार से कम आई है। सालाना के 10 कोर्स भी नहीं पास कर सके हैं। इसी तरह पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंटों की सीपीआई पांच से कम मिली है। सारे कोर्स नहीं पास किए जा सके हैं।
आईआईटी रुड़की के 72 छात्र चले गए थे हाईकोर्ट
आईआईटी रुड़की के प्रोग्राम से टर्मिनेट 72 स्टूडेंटों का मामला खूब गरमाया था। स्टूडेंटों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और धरना-प्रदर्शन भी किया था। बाद में सीनेट ने उन्हें दोबारा पढ़ाई का मौका दिया।