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चुनाव के दौरान मुफ्त की घोषणाओं को AAP ने बताया जरूरी, SC में PIL का किया विरोध

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। कोर्ट में आम आदमी पार्टी ने पीआईएल के खिलाफ याचिका दायर की है। चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा फ्री में चीजें देने के ऐलान पर रोक लगाने की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है, लेकिन आम आदमी पार्टी ने इस याचिका का विरोध किया है। जनहित याचिका में कहा गया है कि चुनाव के दौरान तमाम राजनीतिक दल लोगों को मुफ्त में चीजें देने का ऐलान करते हैं, लिहाजा इनपर पाबंदी लगनी चाहिए। लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि चुनाव के दौरान मुफ्त में चीजें देने का वादे असमान समाज की जरूरत है।

बता दें कि अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिसमे कहा गया है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दल जो मुफ्त की घोषणाएं करते हैं वह गलत है। लेकिन आम आदमी पार्टी की ने अश्विनी उपाध्याय की मंशा पर सवाल खड़ा किया है। आप की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि यह राजनीतिक दलों का लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार है।

गौर करने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने मुफ्त की घोषणाओं के चलते देश की अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान पर चिंता जाहिर की थी। कोर्ट ने लाखों करोड़ रुपए के कर्ज का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का समाधान करने के लिए कमेटी का गठन करने के संकेत दिए थे। कोर्ट ने इस कमेटी के लिए सदस्यों के नाम सुझाने के लिए कहा था। इस मामले की अगली सुनवाई इसी महीने 11 अगस्त को होगी।

आम आदमी पार्टी की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। लेकिन आम आदमी पार्टी ने अश्विनी उपाध्याय को राजनीतिक व्यक्ति बताया है। वह लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े रहे हैं। उनकी इस याचिका जनहित से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने यह याचिका राजनीतिक हित के लिए दायर की है। आप की ओर से कहा गया है कि हमे इस मामले में अपना पक्ष रखने की इजाजत दी जाए।

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