अन्तर्राष्ट्रीय

चीनी ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब, अब ताइवान ने भी शुरू किया विध्वंसक हथियारों के साथ युद्धाभ्यास

ताइपे : अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइपे यात्रा के बाद चीन और ताइवान के बीच का विवाद लगातार बढ़ता ही जा रही है और ऐसा लग रहा है, कि किसी भी पक्ष की एक छोटी सी गलती पूरे द्वीप की बर्बादी का कारण बन चाएगा। नैन्सी पेलोसी के ताइवान पहुंचने के बाद से ही चीन ने ताइवान स्ट्रेट में भयानक युद्धाभ्यास शुरू कर दिया था, लेकिन अब ताइवान ने भी युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अभ्यास स्थल पर मौजूद एक पत्रकार ने कहा कि, मंगलवार को ताइलान ने आर्टिलरी ड्रिल शुरू की है।

ताइवान की आठवीं सेना कोर के प्रवक्ता लू वोई-जे ने पुष्टि करते हुए बताया कि,लक्ष्य फ्लेयर्स और तोपखाने की गोलीबारी के साथ 0040 GMT के तुरंत बाद दक्षिणी काउंटी पिंगटुंग में अभ्यास शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि, ड्रिल लगभग 0130 GMT पर समाप्त होगी। आपको बता दें कि, चीन ने पिछले हफ्ते ताइवान के आसपास अपना सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू किया है, जिसकी वजह से ताइवान पर लगातार खतरा बना हुआ है। ताइवान रक्षा मंत्रालय यहां तक कह चुका है, कि चीन ने ताइवान पर कैसे हमला करना है, इसका नाट्य रूपांतरण भी किया है। वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कह चुके हैं, कि अगर जरूरत पड़ी, तो ताइवान पर बल प्रयोग से भी एकीकरण किया जाएगा। वहीं, ताइवान ने कहा कि, मंगलवार से गुरुवार तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में सैकड़ों सैनिकों के साथ साथ 40 हॉवित्जर की तैनाती शामिल होगी।

हालांकि, ताइवान सेना की आठवीं कोर की प्रवक्ता लू वोई-जे ने यह भी कहा कि, ताइवान का सैन्य अभ्यास पहले से ही निर्धारित था और ये चीन के अभ्यास के जवाब में नहीं किया जा रहा है। आपको बता दें कि, ताइवान नियमित रूप से चीनी आक्रमण की नकल करते हुए सैन्य अभ्यास करता रहता है और पिछले महीने अपने सबसे बड़े वार्षिक अभ्यास के हिस्से के रूप में एक “संयुक्त अवरोधन ऑपरेशन” में समुद्र से हमलों को दूर करने का अभ्यास किया। लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ है, जब चीन ने ताइवान की राजधानी ताइपे के उपर से बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रक्षेपण किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने वायु सेना के अधिकारी झांग झी के हवाले से कहा कि चीन ने सूचना आधारित परिस्थितियों में युद्ध की रणनीति का प्रशिक्षण किया है। इसमें सटीक हमलों के साथ महत्वपूर्ण द्वीपों को नष्ट करने की क्षमताओं में सुधार हुआ है।

चीन के सामने ताइवान की सैन्य ताकत ना के बराबर है और बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि चीन के पास हर तरह के सैनिकों को मिलाने के बाद करीब 20 लाख 35 हजार एक्टिव सैनिक हो जाते हैं। जबकि, ताइवान के पास सिर्फ 1.63 लाख ही सक्रिय सैनिक हैं। यानि, ताइवान के मुकाबले चीन के पास करीब 12 गुना ज्यादा सैनिक हैं। वहीं, बात अगर थल सेना की करें, तो चीन के पास 9.65 लाख पैदल सैनिक हैं, जबकि ताइवान के पास सिर्फ 88 हजार ही पैदल सैनिक हैं। वहीं, चीन की नौसेना में 2 लाख 60 हजार एक्टिव सैनिक हैं, जबकि ताइवान की नौसेना के पास सिर्फ 40 हजार सैनिक ही हैं। वहीं, बात अगर ताइवान की वायुसेना की करें, तो ताइवान के पास 35 हजार जवान हैं, जबकि चीन की वायुसेना में 4 लाख 15 हजार सैनिक हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है, कि पूरी ताकत लगाने के बाद ताइवान सिर्फ चीन के हमले को थोड़ा धीमा कर सकता है, उसके अलावा ताइवान के पास ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं होगा।

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