उत्तर प्रदेशराष्ट्रीयलखनऊ

‘नेता मजबूत हो तो कमाल कर सकती है यूपी पुलिस’

police-2645-5685842829c29_exlstनिवर्तमान डीजीपी जगमोहन यादव ने कहा कि बीते छह माह में सूबे में लॉ एंड आर्डर की स्थिति वहीं बिगड़ी जहां लीडरशिप कमजोर थी। यूपी पुलिस सही लीडरशिप में चमत्कार कर सकती है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता जताई।

निवर्तमान डीजीपी बृहस्पतिवार सुबह अपने रिटायरमेंट के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित विदाई समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने भव्य परेड की सलामी ली।

जगमोहन यादव ने कहा कि पुलिस महकमे के लिए थाना, जिला और प्रदेश स्तर पर हर क्षण चुनौतीभरा है। बेहतर लीडरशिप से इन हालात से जूझना आसान हो जाता है। लीडर को फोर्स के सामने होना चाहिए। वह क्या चाहता है, उसे बताना चाहिए। इसके बाद फोर्स की तरफ से कभी शिकायत नहीं मिलेगी। हालात तब बिगड़ जाते हैं जब अफसर अपनी जिम्मेदारी से भागने लगते हैं।

वहीं, जनता की शिकायतों को लेकर पुलिस अफसरों की संवेदनशीलता भी कम हो गई है। जो समस्याएं मामूली प्रयास से सुलझाई जा सकती हैं, उनकी जांच सालों-साल अटकी रहती है। सीओ-एसओ ध्यान नहीं देते।

इस रवैये से फरियादी परेशान हो जाते हैं और उसके मन में निराशा और पुलिस के प्रति आक्रोश की भावना पनपती है। समारोह में डीजीपी के साथ उनके परिवार के सदस्य भी आए थे। सभी को फूलों से सजी शेवरले की डॉज़ कार से विदा किया गया।

मुकदमे लड़ने में बीत रहा समय

जगमोहन ने कहा, डीजीपी मुख्यालय का अधिकांश समय मुकदमे लड़ने में जा रहा है। इससे अन्य काम प्रभावित हो रहे हैं। जब तक हाईकोर्ट की अवमानना नहीं आ जाती, तब तक अधिकारी कार्रवाई नहीं करते। इससे जनता के मन में अफसरों के प्रति इज्जत कम हो रही है।

प्रमोशन किए, अभी और होंगे

निवर्तमान डीजीपी ने कहा कि महकमे में कई साल से प्रमोशन अटके थे। भर्ती बोर्ड के अधिकारियों ने बड़ी संख्या में सिपाही, ड्राइवर और मिनिस्टीरियल स्टाफ के प्रमोशन कर दिए हैं। कई के प्रमोशन की प्रक्रिया चल रही है। जनवरी तक बोर्ड काफी प्रमोशन करेगा।

जगमोहन ने कहा, वर्तमान में एक दर्जन डीजी हैं। कई मुझसे सीनियर भी हैं। छोटे के आने पर सीनियर्स नाराज होते हैं। पता नहीं क्या-क्या होता है, लेकिन मैं सौभाग्यशाली हूं। मुझे सबने सहयोग दिया।

भावुक हो गए जगमोहन

30 मिनट से अधिक के भाषण में जगमोहन कई बार भावुक हुए। कहा कि 32 साल की सेवा के आखिरी दिन बड़ा संतोष मिल रहा है। पुलिस अधिकारी और उनके परिवार के सदस्य मुझे विदा करने के लिए इकट्ठा हुए हैं।

उनके स्नेह और सम्मान से मैं अभिभूत हूं। सभी को नए साल की बधाई देते हुए कहा कि मैंने कभी किसी के प्रति दुराग्रह नहीं पाला। अगर किसी को तकलीफ पहुंची हो तो क्षमा मांगता हूं।

निवर्तमान डीजीपी ने छह महीने के दौरान चुनाव और त्यौहार की चुनौतियों से जूझने का श्रेय कांस्टेबुलरी (सिपाही स्तर के जवान) को दिया।

कहा कि अधिकारियों के पास तमाम संसाधन हैं लेकिन सिपाही, होमगार्ड और पीएसी के जवान बिना संसाधन के काम करते हैं। वे लोग अपनी ड्यूटी में लगातार जूझते रहे और शिकायत तक नहीं की।

रिटायर्ड अधिकारियों का सम्मान हो

जगमोहन ने कहा कि नए अधिकारियों का अपने मातहतों के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है जिससे माहौल खराब हो रहा है। नए अधिकारी रिटायर्ड अधिकारियों पर ध्यान दें क्योंकि उन्हें भी उस दौर से गुजरना है।

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