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ट्विन टावर बलास्ट: बिल्डिंग के जमींदोज होने के बाद, अपने घरों को लौटने लगे आस-पास के लोग

नई दिल्ली. बीते रविवार को जहां, नोएडा के ट्विन टावर (Twin Tower) के आसपास पार्श्वनाथ, एटीएस विलेज, एल्डिको, सिल्वर सिटी और सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के करीब 7000 सोसाइटी छोड़कर चले गए थे, वो लोग धूल का गुबार कम होने के बाद लोग अपने घरों को देखने के लिए अब वापस लौटने लगे हैं।

इसके साथ ही आज से इलाके में रसोई गैस की सप्लाई और सोसाइटियों की लाइट बहाल कर दी गई है। गौरतलब है कि करप्शन की इमारत ट्विन टावर को गिराने से पहले ही इसके इलाके के साथ के टावरों में रहने वाले लोगों से फ्लैट खाली करवाये गए थे।

बता दें कि बीते रविवार को दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचे 100 मीटर के एपेक्स और सियान टॉवर को गिराने के लिए करीब 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। दरअसल SC ने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी परिसर के बीच इस निर्माण को नियमों का उल्लंघन बताया था, जिसके बाद इन्हें ढहाने का काम किया गया था।

इसके तहत नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित ट्विन टावर (Twin Tower) को बीते रविवार दोपहर ढाई बजे जमींदोज कर दिया गया। इस गगनचुम्बी इमारत को महज़ चंद सेकंड में 3700 किलोग्राम बारूद की मदद से ध्वस्त कर दिया गया था । वहीं बिल्डिंग को ध्वस्त करने के लिए इमारतों में 9,640 छेद करके ये बारूद भरे गए थे। इस सुपरटेक ट्विन टावर्स को गिराने में लगभग 20 करोड़ रुपये का खर्च (Supertech Twin Towers Demolition Cost) किया गया है। टावर्स को गिराने का यह खर्च भी बिल्डर कंपनी सुपरटेक ही वहन करेगी।

वहीं मामले पर रियल्टी फर्म सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने बीते रविवार को कहा था कि, SC के आदेश के बाद नोएडा स्थित ट्विन टॉवर इमारत को गिराए जाने से उनकी कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का बड़ा नुकसान हुआ है।

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