नई दिल्ली : गुलाम नबी आजाद से कांग्रेस नेताओं की मुलाकात को लेकर पार्टी का एक वर्ग नाराज नजर आ रहा है। अब पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बोलने पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। मंगलवार को ही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा और चव्हाण ने आजाद के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। इधर, इस मुलाकात को लेकर हुड्डा के खिलाफ पार्टी के नेता मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं।
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ ने राहुल के खिलाफ बोलने पर चव्हाण को घेरा है। उन्होंने इस संबंध में पार्टी की अनुशासन समिति के प्रमुख तारिक अनवर को ई-मेल भी किया है। उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने लिखा, ‘मैं कांग्रेस पार्टी के आंतरिक चुनाव के संबंध में पृथ्वीराज चव्हाण की तरफ से किए गए झूठे दावों पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। मैं राहुल गांधी के खिलाफ झूठ बोलने पर भी उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करता हूं।’
30 अगस्त को हुई बैठक ने सियासी चर्चाएं तेज कर दी हैं। खास बात है कि आजाद के इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद ही G-23 में शामिल ये तीनों नेता आजाद से मिले थे। वहीं, अजाद भी अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे त्यागपत्र से लेकर अब तक लगातार राहुल पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने पत्र में राहुल के नेतृत्व पर बड़े सवाल उठाए थे।
आजाद के आवास पर हुई बैठक में हुड्डा भी शामिल रहे थे। इसे लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सदस्य कुमारी शैलजा ने भी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने शिकायत में वरिष्ठ नेता को कारण बताओ नोटिस जारी करने की मांग की है। शैलजा के अलावा भी हरियाणा कांग्रेस के कई नेताओं ने शिकायत की है।
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव का कार्यक्रम जारी होने के बाद मनीष तिवारी ने प्रक्रिया पर सवाल उठा दिए थे। अब उन्हें पार्टी के नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस सचिव सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि तिवारी ‘विश्वासघाती व्यक्ति’ हैं, जो ‘अपनी ही पार्टी की तबाह करते हैं।’ तिवारी के अलावा तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर, आनंद शर्मा, कार्ति चिदंबरम जैसे नेता भी चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की बात कर चुके हैं।