नई दिल्ली : चावल एक ऐसा फूड है, जो भारत में लगभग सभी घरों में खाया जाता है। सच बात तो यह है कि भारतीय खाना चावल के बिना अधूरा है। चावल बनाने के तरीके हैं और अक्सर लोग चावल को पानी में उबालकर बनाते हैं और बचे हुए पानी को फेंक देते हैं। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि चावल के पानी में चावल से ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं। अगर आप अभी यह गलती कर रहे हैं, तो आपको चावल के पानी के फायदे जानने चाहिए।
चावल के पानी या कांजी को एक जादुई औषधि माना जाता है जो स्वास्थ्य, त्वचा और बालों को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह ऊर्जा को बढ़ाता है और शरीर को पोषण प्रदान करता है। यह कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च से भरपूर होता है और इसमें विभिन्न महत्वपूर्ण एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
आयुर्वेद में चावल के पानी के अनगिनत लाभ बताए गए हैं। आयुर्वेद में चावल के पानी को तंदुलोदक कहते हैं। चावल के पानी को आयुर्वेद में किसी जादू से कम नहीं है और यही वजह है कि सदियों से कई गंभीर रोगों में इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है। नियमित रूप से चावल का पानी पीने से सेहत को क्या-क्या लाभ हो सकते हैं।
चावल का पानी वाइट डिस्चार्ज यानी leucorrhoea की समस्या में काफी लाभदायक हो सकता है। अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो बेहतर रिजल्ट के लिए आपको इसे लेना चाहिए।
चावल का पानी त्वचा और बालों के लिए अद्भुत काम करता है लेकिन शरीर के लिए इसके कई चिकित्सीय लाभ भी हैं। त्वचा और बालों के लिए इसे कई तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।
डॉक्टर के अनुसार, चावल का पानी प्रकृति में शीतल है। इसलिए पेशाब में जलन, दस्त, रक्तस्राव विकार और हैवी पीरियड्स में लाभदाय है। इसके अलावा यह हथेलियों और तलवों में जलन को भी कम करता है।
डॉक्टर ने बताया कि आप चावल के पानी का इस्तेमाल अपने चेहरे और बालों को धोने के लिए भी कर सकते हैं। मैं अपना चेहरा धोने के लिए इसका इस्तेमाल कर रही हूं और मुझे इससे फायदा हुआ है।
चावल के पानी में एंटीऑक्सिडेंट, मॉइस्चराइजिंग और यूवी किरणों को अवशोषित करने वाले गुण भी होते हैं जो छिद्रों को कसते हैं और रंजकता और उम्र के धब्बों को रोकते हैं।
चावल के पानी में कई खनिज और विटामिन होते हैं जो त्वचा के लिए जरूरी हैं। इसमें ‘इनोसिटोल’ नामक एक यौगिक होता है जो कोशिका वृद्धि को बढ़ावा देता है, उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में देरी करता है और रक्त प्रवाह को उत्तेजित करता है।
10 ग्राम (1 कटोरी) चावल लें और उन्हें एक बार धो लें। अब इसमें 60-80 मिलीलीटर पानी डालकर मिट्टी के बर्तन/स्टेनलेस स्टील के बर्तन में 2-6 घंटे के लिए बंद कर दें। फिर चावल को 2 – 3 मिनट के लिए पानी में भिगोकर छान लें और यह उपयोग के लिए तैयार है।