मध्य प्रदेशराज्य

सतना मेडिकल कॉलेज में अगले सत्र से मिल सकेगा प्रवेश

सतना : विंध्य के सतना जिले में भी अगले शैक्षणिक सत्र से नया चिकित्सा महाविद्यालय शुरू हो जाएगा। इसमें एमबीबीएस की डेढ़ सौ सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। इसकी तैयारी तेज हो गई है। राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर इसकी अनुमति मांगी है।

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने हाल ही में कौंसिल को पत्र लिखकर सतना मेडिकल कॉलेज को भी अनुमति दिए जाने की मांग की है। विभाग को मान्यता मिलने की पूरी उम्मीद है। इसके अगले सत्र यानी 2024-25 में प्रदेश के छह और मेडिकल कालेजों में प्रवेश शुरू करने की तैयारी है। इनके भवन अगले साल दिसंबर तक तैयार हो जाएंगे। इसके बाद मान्यता के लिए आवेदन किया जाएगा। हाल ही में विभागीय समीक्षा के दौरान नए महाविद्यालयों की प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा की गई।

इसमें बताया गया कि वर्ष 2024-25 में जिन नए कालेजों में प्रवेश शुरू करने की तैयारी है। इनमें मंडला, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, श्योपुर और सिंगरौली शामिल हैं। सभी कालेजों में एमबीबीएस की 150-150 सीटें होंगी। वहीं दूसरी ओर इसके बाद के वित्तीय वर्ष में सिवनी, छतरपुर,दमोह, उज्जैन, बुदनी (सीहोर) व बालाघाट में मेडिकल कालेज खोलने की तैयारी है। इनमें दमोह के लिए अभी कैबिनेट से मंजूरी नहीं मिली है जबकि दो दिन पहले ही बालाघाट प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वहां भी मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की। प्रस्तावित सभी नए कॉलेजों को वहां की जिला अस्पतालों संबद्ध किया जाएगा। इस तरह सरकार नए कॉलेज के लिए जरूरी नए अस्पताल खोलने से भी बच सके गी।

हर कालेज में एमबीबीएस की 150 सीटें होंगी। इस तरह,आगामी दो वर्षों में ही सात नए शहरों में ही चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने की तैयारी है,हालांकि केंद्र सरकार का लक्ष्य प्रत्येक जिले में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने का है,ताकि भविष्य में अधिकाधिक चिकित्सक तैयार किए जा सकें हैं। वर्तमान में शासकीय चिकित्सा के क्षेत्र में चिकित्सकों की कमी एक बड़ी समस्या है। सभी कॉलेज भारत सरकार के सहयोग से खोले जाने हैं। एक कॉलेज शुरू करने पर सामान्यत: सवा तीन सौ करोड़ रुपए का प्राथमिक व्यय होता है। इनमें कॉलेज की अधोसंरचना व अन्य व्यवस्थाएं शामिल हैं। कॉलेज की स्थापना पर आने वाले व्यय क ी 60 प्रतिशत राशि केंद्र व शेष राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है।

एक दौर में लंबे समय तक मप्र में सिर्फ 5 कॉलेज थे। वर्तमान में इनकी संख्या 13 व एमबीबीएस में ही सीटों की संख्या 2035 है। सूत्रों के अनुसार,राज्य में अगले 5 सालों में 13 नए कॉलेज खोले जाने की तैयारी है। वर्ष 2027 तक इनकी संख्या 26 हो जाएगी। इनमें अगले शैक्षणिक सत्र में सतना का एक,वर्ष 2024-25 में मंडला, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, श्योपुर और सिंगरौली सहित कुल 6 व इतने ही कॉलेज अगले वित्तीय वर्ष में खोले जाने की योजना पर सरकार काम कर रही है। प्रत्येक नए कॉलेज में एमबीबीएस की डेढ़ सौ सीट होंगी।

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