देहरादून: उच्च शिक्षा निदेशालय, उत्तराखण्ड एवं यूजीसी एचआरडीसी कु.वि., नैनीताल के संयुक्त तत्वाधान में उत्तराखण्ड राज्य के राजकीय महाविद्यालयों के नैक प्रत्यायन तैयारियों एवं गुणवत्ता सुधार हेतु एक राज्य स्तरीय ऑनलाईन कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें सर्वप्रथम मुख्य वक्ता प्रो. एनके जोशी, कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल द्वारा नैक प्रत्यायन की महत्वता तथा राज्य में संचालित समस्त महाविद्यालयों में गुणवत्ता सुधारक आवश्यक प्रयत्नों पर व्याख्यान दिया गया, जिसमें उन्होंने महाविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के सृजन, आधुनिक तकनीकि पूर्ण शिक्षण सुविधायें एवं शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने हेतु सुझाव दिये।
इसके उपरान्त प्रो. संजय पन्त, निदेशक डीआईसी कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल द्वारा नैक प्रत्यायन के सभी 07 चरणों तथा आवश्यक अंको के सम्बन्ध में विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ0 रूचि त्रिपाठी, सहायक सलाहकार, नैक बैंगलौर द्वारा नैक प्रत्यायन के विभिन्न चरणों में महाविद्यालयों के लिए आवश्यक निर्देश एवं तैयारियों की व्यावहारिकता के साथ-साथ नैक की उच्च ग्रेडिंग प्राप्त करने से लाभ के विषय में विस्तार पूर्वक बताया गया। प्रो. पीसी कविदयाल, निदेशक भीमताल परिसर कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल द्वारा महाविद्यालय को उदाहरणार्थ समझाते हुए नैक सम्बन्धी मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डाला गया।
प्रो. सन्दीप शर्मा, निदेशक, उच्च शिक्षा निदेशालय, उत्तराखण्ड द्वारा बताया गया कि पूर्व में 13 राजकीय महाविद्यालयों को कुल 01 करोड़ का अनुदान राशि नैक प्रत्यायन के दृष्टिगत आवश्यक सुविधाओं के आयोजनार्थ जारी किये गये थे तथा इस वर्ष 07 राजकीय महाविद्यालयों में यही अनुदान राशि प्रस्तावित है। नैक प्रत्यायन के अनुसार तैयारी करने से इन महाविद्यालय में गुणवत्ता सुधार हेतु आवश्यक कदम उठाये जा सकेंगे जिसका लाभ राज्य में अध्ययनरत विद्यार्थियों एवं कार्यरत शिक्षकों को मिल सकेगा, उच्च शिक्षा विभाग इस कार्य हेतु पूर्ण समर्पण के साथ कार्यरत है। उक्त कार्यक्रम उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देशों के क्रम में तथा प्रशान्त कुमार आर्य, अपर सचिव, उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड शासन के विशेष प्रयासों से आयोजित किये जा रहे हैं।
इस कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉ. गोविन्द पाठक, सहायक निदेशक डॉ. चमन कुमार, राज्य नोडल अधिकारी-डिजिटल इनिशियेटिव, डॉ. विनय देवलाल, राज्य नोडल अधिकारी-डिजिटल इनिशियेटिव तथा संयोजक प्रो. दिव्या उपाध्याय जोशी, निदेशक यूजीसी एचआरडीसी कु.वि., नैनीताल तथा डॉ. रितेश शाह सहायक निदेशक यूजीसी एचआरडीसी कु.वि., नैनीताल थे। उक्त कार्यक्रम में लगभग 80 राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य तथा आईक्यूएसी संयोजकों आदि ने प्रतिभाग किया।