गया : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गया में फल्गु नदी में निर्मित गया जी डैम का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया तथा सीताकुंड जाने हेतु पुल का शिलापट्ट अनावरण कर लोकार्पण किया। कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री देवघाट गए और वहां मंत्रोच्चार के बीच घाट पर पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने देवघाट में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि फल्गु नदी में निर्मित गया जी डैम के उद्घाटन में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के कई हिस्सों एवं विदेशों से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री पिंडदान के लिए आते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बाहर से आने वाले लोगों को यहां सुविधा मिलेगी तो वे यहां की प्रशंसा बाहर भी करेंगे। पिछले दो साल से कोरोना का दौर चल रहा था जिसके कारण पितृपक्ष मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा था। फल्गु नदी में पानी खत्म हो जाने के कारण तीर्थयात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए देश के सबसे बड़े रबर डैम का निर्माण यहां कराया गया है। इसका नामकरण गया जी डैम किया गया है। अब फल्गु में कभी भी पानी खत्म नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि कल से पितृपक्ष मेला शुरू हो जाएगा। आने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए उचित व्यवस्था की गई है। फल्गु नदी में केवल रबर डैम नहीं बल्कि श्रद्धालुओं को सीताकुंड जाने के लिए फुट ओवरब्रिज का निर्माण भी कराया गया है।
रबर डैम के निर्माण में 324 करोड़ रुपये की लागत आई है।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, जल संसाधन सह सूचना एवं जन संपर्क मंत्री संजय कुमार झा एवं जल संसाधन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने सीता कुंड जाने के लिए निर्मित पुल से पैदल यात्रा करते हुए सीताकुंड पहुंचकर माता सीता की पूचा-अर्चना कर राज्य की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। इसके बाद स्टीमर के माध्यम से मुख्यमंत्री गया जी डैम को पार कर वापस देवघाट लौटे।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख शांति एवं समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने विष्णुपद मंदिर परिसर में पितृपक्ष मेला महासंगम 2022 का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तर्पण पुस्तिका का भी विमोचन किया। कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीता कुंड जाने के लिए जो पुल बना है, उसका नाम मां सीता पुल और पहुंच पथ का नाम मां सीतापथ रखा गया है।