भीषण गर्मी के बाद जब जब बारिश का मौसम आते ही तो बहुत सुकून मिलता है। मगर बारिश का मजा तब किरकिरा होता है जब मानसून के समय घरो में सीलन, फंगस और कई प्रकार के के इंफेक्शन लोगों के लिए दिक्क्तों का सबब बन जाते हैं। वैसे भी इस समय लो कोरोना वायरस से डरे हुए है। इस समय खुद को हेल्दी बनाये रखने के साथ अपने घर को भी इन्फेक्शन फ्री रखना बहुत आवश्यक है। तो आइए बताते है कैसे आप अपने घर को बारिश के मौसम में सीलन और फंगस से रखें दूर रख सकते है-
मानसून के समय कीटाणु और सूक्ष्मजीव की गिनती अधिक हो जाती है इसके साथ ही ये तेजी से बढ़ने लगती है। इसका मुख्य कारण थर्मल इंसुलेशन न होना, साफ-सफाई की कमी, घर में धूप-हवा का ठीक से न आना सीलन और नमी पैदा करता है। जिससे फंगस की समस्या भी देखने को मिलती है।
घर में सीलन होने की वजह से अल्टरनारिया, एस्परजिलस, पेनिसिलियम और क्लोडोस्पोलियम जैसी फंगल प्रजातियां पनपने लगती हैं। जिससे व्यक्ति को दमा, एलर्जी, डर्मिटाइटिस और राइनाइटिस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
इस तरह रखे सीलन और फंगस को घर से दूर-
सीलन की समस्या मानसून में अक्सर ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे में बाथरूम, टॉयलेट, बंद पड़े कमरे में, जहां फंगस, सीलन और कीट आसानी से पनप सकते हैं कीटनाशक छिड़काव और फ्यूमिगेशन करवाकर कीट और मच्छर,मक्खियों से छुटकारा पा सकते हैं।
किचन और बाथरूम जहां पानी का इस्तेमाल अधिक होता है और धूप नहीं पहुंच पाती, ऐसी जगह को सूखा रखने की कोशिश करें।
हफ्ते में एक दिन किचन की किसी अच्छे कीटनाशक से सफाई करें।
नमी , सीलन वाले कमरे में न सोएं।
प्राकृतिक रूप से घर में धूप को आने दें। घर की खिड़कियों को कुछ देर के लिए जरूर खोलकर रखें।
सीलन से पहले ही खराब हो चुकी दीवारों को ठीक करने के लिए दरारों में वॉटरप्रूफ चूना भरें। ऐसा करने से दोबारा उस जगह सीलन नहीं आएगी।
लौंग का इस्तेमाल करके भी आप घर की सीलन से निजात पा सकते हैं। इसके लिए आप लौंग और दालचीनी को करीब आधा घंटा पानी में डालकर छोड़ दें। आधे घंटे बाद इस पानी को उबालकर इसे रूम प्रेशनर की तरह प्रयोग करें।