अन्तर्राष्ट्रीय

वैश्विक स्तर पर 50 मिलियन लोग आधुनिक गुलामी के शिकार

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने जारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली: जेनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने हाल ही में अपनी ” ग्लोबल एस्टिमेट्स ऑफ मॉडर्न स्लेवरी ” रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट में यह बताया जाता है कि दुनिया के अलग अलग हिस्सों में कितने लोग और क्यों आधुनिक दासता में जीते हैं जबकि वर्तमान वैश्विक युग लोकतांत्रिक और मामवधिकारों वाला युग है । ऐसे में यह दुःखद है कि अभी भी लोगों के साथ दास या गुलाम जैसा व्यवहार किया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साल 2021 में विश्व भर में 50 मिलियन लोग आधुनिक दासता की गिरफ्त में थे। इन आंकड़ों को और ब्रेक करें तो पता चलता है कि इन 50 मिलियन लोगों में से 28 मिलियन लोग बलात श्रम यानी फोर्स्ड लेबर और 22 मिलियन लोग बलात विवाह यानी फोर्स्ड मैरिज के चंगुल में फसे हुए हैं।

इंटरनेशनल लेबर आर्गनाइजेशन की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले 5 साल में आधुनिक दासता के जाल में फंसने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्ष 2021 में 10 मिलियन और लोग मॉडर्न स्लेवरी के गिरफ्त में आये । गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक सभी प्रकार की आधुनिक दासता को समाप्त करने का लक्ष्य रखा था लेकिन जिस तरह के आंकड़े सामने आए हैं उससे 2030 तक मॉडर्न स्लेवरी फ्री वर्ल्ड बनाना मुश्किल लग रहा है ।

भारत की बात करें तो भारत ने अपने संविधान के अनुच्छेद 23 और 24 साथ ही अनैतिक दुर्व्यापार ( रोकथाम ) अधिनियम , 1956 और मानव तस्करी को रोकने के लिए कानूनों को बनाकर आधुनिक दासता से निपटने का काम किया है।

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