कप्तान और हॉकी गोलकीपर की दोहरी भूमिका निभाने के लिए अलग काम करने की जरूरत : सविता
बेंगलुरु : भारत की महिला हॉकी गोलकीपर और कप्तान सविता को लगता है कि कप्तानी उनके लिए दोहरी जिम्मेदारी है और टीम का नेतृत्व करने के लिए उन्हें अलग तरह की सोच से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है, ताकि वह दबाव की स्थिति में टीम की अधिक मदद कर सके। दोहरी जिम्मेदारियों के बारे में बात करते हुए सविता ने कहा, “गोलकीपर की स्थिति एक अलग जिम्मेदारी है। एक अनुभवी गोलकीपर के रूप में, मैं हमेशा इस सोच के साथ प्रशिक्षण लेती हूं कि मुझे टीम की मदद करनी है। एक कप्तान के रूप में, आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है, क्योंकि आपको अपने खेल के साथ टीम के प्रदर्शन का प्रबंधन भी करना होता है।”
सविता ने एफआईएच प्रो लीग 2021/22 के डेब्यू सीजन में भारतीय टीम का नेतृत्व किया, जहां टीम तीसरे स्थान पर रही। उन्होंने बमिर्ंघम राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में भी टीम का नेतृत्व किया जहां भारत ने न्यूजीलैंड को 1-1 (2-1 शूट आउट) से हराकर कांस्य पदक जीता।
सविता ने कहा, “यह संभव है कि किसी दिन आपकी टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही हो, इसलिए आपको उन्हें एक कप्तान के रूप में प्रेरित करना होगा। लेकिन मुख्य कोच जेनेक शोपमैन के तहत काम करते हुए, हम जिम्मेदारियों को आपस में बांटने में सक्षम हैं, इसलिए मुझे लगता है कि इससे मुझे खेलने में मदद मिली है।”
सविता ने एफआईएच महिला गोलकीपर आफ द ईयर अवार्ड 2021-22 के लिए नामांकित होने पर भी आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्हें लगता है कि वह सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं। पिछले सीजन में इसी श्रेणी में पुरस्कार जीतने वाली सविता ने कहा कि उनके साथियों और कोचिंग स्टाफ का समर्थन मददगार साबित हुआ है।
सविता ने कहा, “लगातार नामांकित होने पर मुझे काफी अच्छा लग रहा है। हमने पूरे साल टोक्यो 2020 ओलंपिक के बाद कड़ी मेहनत की। नामांकन प्राप्त करने से मुझे लगता है कि मैं प्रशिक्षण में सही दिशा में आगे बढ़ रही हूं।”