नवरात्र में क्यों लगाया जाता हैं दरवाजे पर तोरण, जानें इसकी विशेषता
नई दिल्ली : शारदीय नवरात्र सोमवार यानि 26 सितंबर 2022 से शुरू हो रहीं हैं। नवरात्र के समय नौ दिन माता दुर्गा के नौ विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। माना गया है कि इस दौरान माता अपने भक्तों के घर विराजमान होती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा करती हैं, ताकि भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकें। वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार अगर इन दिनों में यदि हम कुछ उपाय करते हैं तो माता रानी बेहद प्रसन्न होती हैं और घर के सभी वास्तु दोषों को खत्म कर देती हैं।
ज्योतिष और वास्तु के अनुसार नवरात्र के समय घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह यानि निशान बनाने से वास्तुदोष खत्म होता है। इसके अलावा भगवान गणेश जी का चित्र भी लगाया जा सकता है, क्योंकि हिदू धर्म में इन्हें प्रथम पूज्य का दर्जा प्राप्त है। इसलिए नवरात्र में इनकी पूजा करना और इनका चित्र लगाना अच्छा माना जाता है। मान्यता है कि इससे घर में आने वाली हर तरह की नकारात्मक चीजें दूर होती हैं।
नवरात्रि में घर से नकारात्मकता दूर करने के लिए मुख्य दरवाजे पर आम और आशोक पेड़ के पत्तों की माला बनाकर टांग दें। इससे ढेरों फायदे मिलते हैं। कुछ घरों के प्रवेश द्वार पर लक्ष्मी जी के पैर के निशान बने होते हैं। आपको बता दें कि ऐसा इसलिए बनाया जाता है कि ताकि घर में सुख और शांति बनी रहे। तो लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए नवरात्रि में ये निशान जरूर बनाएं।