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वेट लिफ्टिंग कार्डियो एक्सरसाइज की तुलना में हृदय के लिए अधिक फायदेमंद

नई दिल्ली : यदि आप जिम करते हैं तो आपका ट्रेनर आपको हफ्ते में एक दो दिन वजन उठाने के लिए भी जरूर कहता होगा। हालांकि यह केवल बॉडी बिल्डिंग के मकसद से कराया जाता है। लेकिन वजन उठाने से कई और भी फायदे शरीर को मिलते हैं। इसमें दिल और ब्रेन से संबंधित जानलेवा बीमारी से बचाव भी शामिल है। लेकिन ज्यादा वजन उठाना इसके खतरे को बढ़ा भी सकता है। इसलिए कम वजन ही उठाने की सलाह दी जाती है।

आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा 2018 में किए गए अध्ययन के अनुसार, सप्ताह में एक घंटे से कम वजन उठाने से दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा 40 से 70 प्रतिशत तक कम हो सकता है। वहीं इस अध्ययन में दिलचस्प बात यह सामने निकलकर आयी है कि एक घंटे से ज्यादा वजन उठाने से इससे होने वाले लाभों में बढ़ोतरी की जगह कमी होती है।

यह अध्ययन कई शोध अध्ययनों में से एक है जिसमें दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं से जुड़े जोखिम को कम करने में शारीरिक गतिविधि की भूमिका देखी गयी।

अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने एरोबिक्स सेंटर लॉन्गिट्यूडिनल स्टडी में 13,000 वयस्कों के डेटा का विश्लेषण किया।साप्ताह में एक घंटे से भी स्ट्रेंथ एक्सरसाइज करने वालों में चयापचय सिंड्रोम के विकास में 29 प्रतिशत कमी देखी गयी। जो हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह का खतरा बढ़ता है। वहीं, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का जोखिम 32 प्रतिशत कम था। यह दोनों अध्ययन के परिणाम भी एरोबिक एक्सरसाइज पर अलग-अलग किए गए थे।

दूसरी स्टडी कोपेनहेगन में शोधकर्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार, वेट लिफ्टिंग कर्डियो एक्सरसाइज की तुलना में हृदय के लिए अधिक फायदेमंद होता है। टीम ने पाया कि हालांकि दोनों प्रकार के व्यायाम हृदय के लिए अच्छे हैं। लेकिन, वेट लिफ्टिंग का एक अतिरिक्त लाभ है कि यह खतरनाक हृदय वसा पेरिकार्डियल वसा ऊतक की मात्रा को कम करता है।

हार्वड में प्रकाशित एक अध्ययन, में पाया गया कि सप्ताह में केवल 30 से 60 मिनट की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त है। जिन लोगों ने इस अवधि के लिए काम किया, उनमें अध्ययन अवधि के दौरान सभी कारणों से और विशेष रूप से कैंसर और हृदय रोग से मरने का जोखिम 10% से 20% कम था, उन लोगों की तुलना में जिन्होंने कोई स्ट्रेंथ ट्रेनिंग नहीं लिया था।

वेट लिफ्टिंग से लीन मास बढ़ता है जो कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को ज्यादा ब्लड पंप करने में मदद करता है। इसके बाद यह धमनियों पर दबाव को कम करता है और इस प्रकार घातक बीमारियों के जोखिम को कम करता है। जॉन हॉपकिंस के शोधकर्ताओं का कहना है कि एरोबिक और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के संयोजन का एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करते हैं।

जो लोग गतिहीन जीवन शैली जी रहें है, ज्यादातर घंटों तक बैठे रहते हैं और कम से कम शारीरिक गतिविधि करते हैं, वे स्वास्थ्य जटिलताओं के विकास के उच्च जोखिम में होते हैं जो दिल का दौरा या स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं। इसलिए शोधकर्ताओं से लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों तक हर कोई लोगों को अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। ऐसे में इस अध्ययन का निष्कर्ष कई लोगों को प्रोत्साहित कर सकता है क्योंकि यह कहता है कि प्रति सप्ताह केवल कुछ घंटों का व्यायाम गंभीर जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकता है।

दिल के दौरे के मामले में, धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, शारीरिक निष्क्रियता, अधिक वजन और उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल जैसे कुछ परिवर्तनीय जोखिम कारक हैं। जीवनशैली की आदतों में बदलाव करके इन जोखिम कारकों की तीव्रता और गंभीरता को बदला जा सकता है। इन बदलावों में अधिक शारीरिक गतिविधियों को शामिल करना, मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन, वजन को नियंत्रण में रखना, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना और धूम्रपान और शराब का सेवन कम करना शामिल है।

बहुत कम उम्र से ही कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ऐसे अन्य तत्वों के स्तर की जांच करवाना महत्वपूर्ण है। समय पर चिकित्सा जांच आपको इस बात से अवगत करा सकती है कि आपके जैविक तंत्र में क्या हो रहा है। इसके अलावा, एक स्वस्थ जीवन शैली का चयन करना, जैसे अधिक शारीरिक गतिविधियों को शामिल करना, धूम्रपान में कटौती करना, शराब का सेवन कम करना, जंक और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से फाइबर और मौसमी खाद्य पदार्थों पर स्विच करना, कैलोरी के बारे में चौकस रहना, बॉडी मास इंडेक्स पर नजर रखना और एक स्वस्थ जीवन शैली पर फोकस करें।

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