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कपड़ा मंत्रालय ने 60 करोड़ रुपये की 23 अनुसंधान परियाजनाओं को दी मंजूरी

नई दिल्ली : कपड़ा मंत्रालय ने स्पेशलिटी फाइबर, सस्टेनेबल टेक्सटाइल्स, जियोटेक्सटाइल्स, मोबिलटेक और स्पोर्ट्स टेक्सटाइल के क्षेत्रों में लगभग 60 करोड़ रुपये की 23 रणनीतिक अनुसंधान परियोजनाओं को मंजूरी दी। ये रणनीतिक अनुसंधान परियोजनाएं प्रमुख कार्यक्रम ‘राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन’ (national technical textiles mission) के अंतर्गत आती हैं।

इन 23 शोध परियोजनाओं में से कृषि, स्मार्ट टेक्सटाइल्स, हेल्थकेयर, स्ट्रेटेजिक एप्लीकेशन और प्रोटेक्टिव गियर्स में स्पेशियलिटी फाइबर्स की 12 परियोजनाएं और कृषि और हेल्थकेयर सेक्टर में एप्लीकेशन एरिया वाले सस्टेनेबल टेक्सटाइल्स से जुड़े चार प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही जियोटेक्सटाइल से पांच और मोबिलटेक व स्पोर्टेक से एक-एक परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

इस बीच वाणिज्य मंत्रालय ने घरेलू मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रुपये में बिल बनाने, भुगतान करने और आयात-निर्यात सौदों के निपटान की मंजूरी दे दी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जुलाई में बैंकों से कहा था कि वे निर्यात एवं आयात सौदे रुपये में संपन्न कराने के लिए अतिरिक्त इंतजाम करें। भारतीय मुद्रा के प्रति वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए आरबीआई ने यह सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव रखा था।

केंद्र ने अपने सभी विभागों को तीसरे पक्ष द्वारा ‘ऑडिट’ की गई सार्वजनिक सूचना का अनिवार्य रूप से खुद ही खुलासा करने के लिए कहा है। कार्मिक मंत्रालय के मुताबिक, सभी सरकारी विभागों को आदेश दिया गया है कि वे अपने कामकाज, दायित्वों और अपने पास उपलब्ध रिकार्ड से जुड़ी ज्यादातर सूचना लोगों को मुहैया कराएं। आदेश में कहा गया है कि हर मंत्रालय और सार्वजनिक प्राधिकरण को हर साल एक तीसरे पक्ष द्वारा अपने उन दस्तावेजों को सक्रियता से ऑडिट कराना चाहिए और इसका खुलासा भी किया जाना है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को महिला उद्यमियों से नेतृत्वकारी भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने बीएसई मुख्यालय में महिला निदेशकों के सम्मेलन में कहा कि कॉरपोरेट जगत में बड़े पदों पर कार्यरत महिलाओं की संख्या पर्याप्त नहीं है। महिलाओं में यह भावना बैठ गई है कि उन्हें नेतृत्व की भूमिका में होने के लिए खुद को बार-बार साबित करने की जरूरत है। इसका समाधान उन्हें इस मामले में मार्गदर्शन तथा समर्थन देकर निदेशक मंडल में शामिल करना है।

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