जगदलपुर ; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर दक्षिण अफ्रीकी के नामीबिया से आठ चीतों की वापसी हुई जिन्हें मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा गया है, इसके बाद चीते की चर्चा देश भर में जारी है। वहीं जगदलपुर स्थित बस्तर के रियासत कालीन राजमहल में भारत से विलुप्त हुए चीते की संरक्षित एक ट्राफी आज भी देखा जा सकता है। इसके साथ ही राजमहल में एक विशाल वन भैंसा और हिरण के सिर का संरक्षित ट्राफी भी मौजूद है। बस्तर के राजपरिवार से मिली जानकारी के अनुसार राजमहल में संरक्षित चीते के सिर का एक ट्राफी कोरिया के महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने बस्तर के महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव को भेंट स्वरूप प्रदान किया था।
बस्तर राजपरिवार के कमलचंद भंजदेव ने बताया कि 75 साल पहले कोरिया के महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने बैकुंठपुर के सकला के जंगल में चीते का शिकार किया था। जिसे बस्तर राजपरिवार और तत्कालीन महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव को उन्होने भेंट स्वरूप प्रदान किया था। इस चीते का सिर आज भी राजमहल में मौजूद है।