नई दिल्ली : कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की तरह शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ना भी सेहत के लिए खतरनाक होता है। यूरिक एसिड खून में पाया जाने वाला एक अपशिष्ट पदार्थ है। यह तब बनता है, जब शरीर प्यूरीन नामक रसायनों को तोड़ता है। वैसे तो यूरिक एसिड खून में घुल जाता है और किडनी से होकर पेशाब के जरिए बाहर निकल जाता है।
यूरिक एसिड लेवल बढ़ने के नुकसान- कई बार खून में यूरिक एसिड ज्यादा हो जाता है और वो बाहर नहीं निकल पाता और यहां जमा होकर क्रिस्टल यानी पथरी का रूप ले लेता है। क्योंकि यह जोड़ों में जमा हो जाता है जिससे गाउट, किडनी की पथरी और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। इसमें मरीज को जोड़ों में गंभीर दर्द होता है. जोड़ों में दर्द, अकड़न, चलने में परेशानी, सूजन और लालिमा या जोड़ों का टूटना यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण हैं।
यूरिक एसिड का इलाज? यूरिक एसिड बढ़ने को मेडिकल भाषा में हाइपरयूरिसीमिया (hyperuricemia) कहा जाता है। मेडिकल में यूरिक एसिड या गाउट के लिए कई दवाएं और इलाज मौजूद हैं लेकिन आप कुछ आयुर्वेदिक उपायों के जरिए भी इससे राहत पा सकते हैं। नॉएडा के आयुर्वेद डॉक्टर कपिल त्यागी आपको यूरिक एसिड कम करने का असरदार उपाय बता रहे हैं।
यूरिक एसिड कम करने और गाउट से निपटने के लिए डॉक्टर खाने-पीने और जीवनशैली में बदलाव की सलाह देते हैं, जबकि आयुर्वेद का मानना है कि यूरिक एसिड का बढ़ना ‘वात दोष’ का परिणाम है। आयुर्वेद यूरिक एसिड को कम करने के लिए गोभी, स्क्वैश, बेल मिर्च, बैंगन, बीन्स, चुकंदर, कुछ प्रकार की मछली जैसे उच्च प्यूरीन खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह देता है। आयुर्वेद के अनुसार, खाने में करेले को शामिल करके यूरिक एसिड का लेवल कम करने में मदद मिल सकती है।
डॉक्टर के अनुसार, करेला एक सब्जी है जिसमें भरपूर मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। वास्तव में यह पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है। यह कैल्शियम, बीटा-कैरोटीन और पोटेशियम की अच्छी मात्रा से भी भरा होता है।
NCBI पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, चूहों के एक समूह को कुछ दिनों तक करेले का रस दिया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि इससे चूहों का यूरिक एसिड लेवल कम हो गया था। शोधकर्ताओं ने करेले के रस और सीरम यूरिक एसिड लिपिड-लोअरिंग प्रोफाइल की क्षमता को कम होने के बीच संबंध पाया है।
कई शोध और डाइट एक्सपर्ट मानते हैं कि नियमित रूप से करेला के सेवन करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने, कैंसर का जोखिम करने, गंदे कोलेस्ट्रॉल को कम करने, वजन कम करने, लीवर के कामकाज को बेहतर बनाने, त्वचा रोगों से बचने और पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है।
FDA के अनुसार, एक कप (94 ग्राम) करेले में कैलोरी: 20, कार्ब्स: 4 ग्राम, फाइबर: 2 ग्राम, विटामिन सी: 93%, विटामिन ए 44%, फोलेट17%, पोटेशियम 8%, जिंक 5% और आयरन 4% तक पाया जाता है।
डॉक्टर ने बताया कि करेला का ज्यादा लाभ लेने के लिए आप रोजाना सुबह एक कप इसका रस पी सकते हैं। हालांकि यह एक ऐसी सब्जी है जिसे आप किसी भी रूप में खाएं, तो आपको फायदा ही होगा। आपकी इसकी सब्जी या सूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।