उत्तराखंड

विधानसभा में भर्तियों का मामला: जांच समिति ने सौंपी रिपोर्ट, स्पीकर ने की नियुक्तियों को निरस्त करने की सिफ़ारिश!

विधानसभा में भर्ती में हुई गड़बड़ी पर सीएम धामी का बड़ा एक्शन, नियुक्तियों को निरस्त करने के लिए कहा

जो कहते हैं वो कर कि दिखाते हैं: सीएम धामी

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों को लेकर विशेषज्ञ जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी को सौंप दी है। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस रिपोर्ट में जांच समिति ने सिफ़ारिश की है कि वर्ष 2016, 2021 और 2022 में विधानसभा में की गई कुल 228 नियुक्तियों को रद्द किया जाए। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह नियुक्तियां नियमों के विरुद्ध की गई थी। इसलिए इन नियुक्तियों को निरस्त किया जाय। साथ ही इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि इन नियुक्तियों के लिए आवेदन पत्र नहीं माँगे गए थे और न ही कोई परीक्षा नहीं की गयी थी इसके अलावा इन नियुक्तियों में कोई भी समानता का अधिकार नहीं अपनाया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इन अवैध नियुक्तियों को रद्द करने का अनुमोदन शासन भेजा जा रहा है जिसके बाद तत्काल प्रभाव से ये सभी नियुक्तियां रद्द कर दी जाएंगी।

आपको बता दें कि गुरूवार को विधानसभा में हुई भर्ती गड़बड़ी के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गलत तरीके से हुई नियुक्तियों को निरस्त करने के लिए कहा था साथ ही गलत तरीके से विधानसभा में हुई भर्तीयों को निरस्त करने के लिए मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह भी किया था।भर्ती घोटाले की चौतरफा आलोचना के बाद रितु खंडूरी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था जिसे एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपना था। रितु खंडूरी ने मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया था।

गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को कोटद्वार क्षेत्र के दौरे से लौटीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को विशेषज्ञ समिति ने भर्तियों की जांच रिपोर्ट सौंप दी। स्पीकर को रिपोर्ट सौंपते समय समिति के तीनों सदस्य मौजूद थे। पूर्व आईएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ने 20 दिन में भर्तियों की जांच पूरी कर रिपोर्ट तैयार की है। समिति में सुरेंद्र सिंह रावत और अवनेंद्र सिंह नयाल भी शामिल हैं।

विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट के बाद हलचल बढ़ गई थी। सबकी निगाहें विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की ओर से जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई को लेकर टिकी थी। हालांकि भर्तियों की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने की घोषणा करते समय स्पीकर ने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया था कि जांच रिपोर्ट आने का इंतजार करो। दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जायेगा।विधानसभा की गरिमा को बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटूंगी। समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ने सचिव विधानसभा को निलंबित कर दिया हैं और एक दो दिन में जाँच में की गयी नियुक्तियों की बर्ख़ास्तगी का आदेश संबंधित अधिकारियों को भेज दिया जायेगा और सभी विवादित नियुक्तियों को निरस्त कर दिया जायेगा।

आपको बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपनी ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर चल कर उत्तराखंड की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया हैं अब तक विवादित मुद्दों पर केवल जाँच और टालमटोल का रवैया सभी राजनीतिक दलों द्वारा लिया जाता रहा हैं किंतु पुष्कर सिंह धामी ने यह साबित कर दिया हैं की अब हर विवाद पर समयबद्ध तरीक़े से निर्णय भी लिए जायेंगे।

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