डे केयर सेंटर: कामकाजी महिलाओं के लिए गुड न्यूज
कई कॉरपोरेट कंपनियों ने माताओं के लिए डे केयर ही नहीं, अपने ओवम सुरक्षित रखने के लिए बैंक्स भी बनाए हैं। इन कंपनियों का कहना है कि कई बार अपनी नौकरी और काम-काज में उलझी महिलाएं मातृत्व को टालती रहती हैं और उनके मां बनने की उम्र निकल जाती है। अगर उनके ओवम सुरक्षित रखे जाएं तो बाद में आई वी एफ आदि के जरिए वे मां बनने का सुख प्राप्त कर सकती हैं। इन कंपनियों से दूसरी कंपनियां कम से कम यह तो सीख ही सकती हैं कि वे अपने यहां काम करने वाली माताओं को एक अच्छे डे केयर की सुविधा उपलब्ध कराएं। बहुत सी लड़कियां मां बनने के बाद नौकरी से एक-दो साल का ब्रेक लेती हैं।
पहले एक बार नौकरी छोडऩे पर दोबारा नौकरी मिलना मुश्किल होता था, पर अब कई कंपनियां उन महिलाओं को दोबारा लेने से परहेज नहीं करतीं, जिन्होंने मां बनने के लिए उनके यहां से नौकरी छोड़ दी थी। कंपनियों का मानना है कि किसी महिला को मां बनने का पूरा अधिकार है।
गरीब-मजदूर माताओं और दिहाड़ी पर काम करने वाली माताओं के बच्चों को भारी मुसीबत से गुजरना पड़ता है। कई स्वं सहायता समूह इनके लिए डे केयर सेंटर्स भी चलाते हैं। सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा भी इन्हें मदद मिलती है।
डे केयर सेंटर्स का पता लगाने के लिए आजकल ऑनलाइन सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इन पर फाम्र्स भी उपलब्ध हैं, जिन्हें भरकर माता-पिता अपने बारे में सूचनाएं दे सकते हैं और उन्हें किस तरह का क्रेच चाहिए, उनके बच्चे की जरूरतें क्या हैं, इसके बारे में बता सकते हैं। फिर उनकी जरूरत के मुताबिक, उन्हें सही सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश की जाती है। भारत में जिन शहरों में क्रेच की सुविधा की ऑनलाइन लिस्ट उपलब्ध है, वे शहर हैं, बेंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, मुम्बई, अहमदाबाद, कोलकाता, पुणे, आगरा, इलाहाबाद, अमृतसर, औरंगाबाद, भोपाल, भुवनेश्वर, कालीकट, चंडीगढ़, कोच्चि, कोयम्बटूर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुडग़ांव आदि।