LAC पर नारी शक्ति की धमक, चीन से लगे बॉर्डर के पास फाइटर जेट-चॉपर्स उड़ा रहीं महिला पायलट
नई दिल्ली : इंडियन एयर फोर्स में महिला पायलटों और ग्राउंड क्रू की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही देश की नारी शक्ति ने अब चीन से लगे बॉर्डर पर भी अपनी धमक दे दी है। महिलाएं अरुणाचल प्रदेश-असम के पूर्वी सेक्टर में फाइटर एयरक्राफ्ट और चॉपर्स उड़ा रही हैं। एएनआई ने देश में बने ALH ध्रुव मार्क 3 चॉपर्स को महिलाओं की ओर से उड़ाते हुए तस्वीरें जारी की हैं। पूर्वी कमान में भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि महिला पायलट और ग्राउंड क्रू ऑफिसर्स देश भर में तैनात हैं। उन्हें दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर सेक्टर से लेकर अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर तक देखा जा सकता है, जो कि पूर्वी लैंडिंग ग्राउंड है। ट्रूप्स के साथ स्थानीय लोगों की मदद के लिए भी ये महिला पायलट आगे आती हैं।
Su-30 MKI फाइटर जेट फ्लीट के भारत के पहले वेपन सिस्टम ऑपरेटर फ्लाइट लेफ्टिनेंट तेजस्वी ने महिलाओं की उड़ान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास शानदार महिलाएं हैं जिन्होंने पुराने बंधनों को तोड़ दिया है। इनके पास देश की सेवा करने का सपना है। इस सपने के साथ ही ये आगे बढ़ रही हैं।’
फ्लाइट लेफ्टिनेंट तेजस्वी ने कहा, ‘लड़ाकू विमानों के बेड़े में महिलाओं का होना अब कोई नई बात नहीं है। पुरुषों और महिलाओं सहित हर कोई समान रूप से कड़ी मेहनत करता है और उन्हें ट्रेन किया जाता है। हम समान पायदान पर हैं। आसमान से लेकर जमीन तक, हम सभी पहले और सबसे अहम वायु योद्धा हैं। दूसरी चीजें इसके बाद आती हैं।’
भारतीय वायु सेना ने पहली बार महिलाओं को फाइटर स्ट्रीम में आने की इजाजत उस वक्त दी, जब अवनी चतुर्वेदी और भावना कंठ सहित तीन महिलाओं को फाइटर स्ट्रीम में कमीशन किया गया। इसके कुछ ही समय बाद कंठ मिग-21 में एकल उड़ान भरने वाली पहली महिला पायलट बनीं। इसके कुछ ही दिनों बाद शिवांगी सिंह राफेल विमान उड़ाने वाली महिला पायलट बनीं।