विशेष समय में करें दुर्गा सप्तशती का पाठ जल्दी होगी मनोकामना पूर्ण
नई दिल्ली : नवरात्रि का आरंभ हो चुका है अगले 9 दिनों तक माता रानी को प्रसन्न करने के लिए भक्त उनकी पूजा उपासना करेंगे। मान्यता है कि इन दिनों दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से व्यक्ति की मनोकामना जल्द पूरी होती है। लेकिन, दुर्गा सप्तशती का पाठ अगर सही समय पर किया जाए तो माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं दुर्गा सप्तशती के पाठ को करने का शुभ समय। इन 9 दिनों में आप किस समय पाठ कर माता रानी की कृपा पा सकते हो।
आमतौर पर राहुकाल को अशुभ समय माना जाता है। लेकिन कुछ कार्यों में राहुकाल को बेहद शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दुर्गा सप्तशती के पाठ और सिद्धियों के लिए बहुत ही अच्छा समय माना जाता है। दुर्गा सप्तशती एक बहुत ही बड़ी उपासना है। वैसे तो दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत ही लाभकारी रहता है लेकिन, अगर इसका पाठ नवरात्रि के दिनों में नियमित रूप से किया जाए तो व्यक्ति को विशेष फल प्राप्त होता है। इसके पाठ मां दुर्गा प्रसन्न होती है और आपके घर में नकारात्मकता प्रवेश भी नहीं कर पाती है।
यहां जानें 9 दिनों के लिए दुर्गा सप्तशती पाठ करने का शुभ समय
नवरात्रि पहला दिन सोमवार – सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक
नवरात्रि दूसरा दिन मंगलवार – दोपहर 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक
नवरात्रि तीसरा दिन बुधवार – 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक
नवरात्रि चौथा दिन गुरुवार – दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक
नवरात्रि पांचवा दिन शुक्रवार – सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक
नवरात्रि छठा दिन शनिवार – सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक
नवरात्रि सातवां दिन रविवार – शाम 4 बजकर 30 मिनट से
नवरात्रि आठवां दिन सोमवार – सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक
नवरात्रि नौवां दिन मंगलवार – दोपहर 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक
दुर्गा सप्तशती पाठ के नियम
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के लिए सबसे पहले नवार्ण मंत्र, कवच, इसके बाद कीलक और अर्गला स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इसके बाद दुर्गा सप्तशती के पाठ का आरंभ करना चाहिए। अगर आप इस तरह का पाठ करेंगे तो आपकी मनोकामनाएं जल्द पूरी होंगी। साथ ही मा दुर्गा प्रसन्न होकर अपनी विशेष कृपा आप पर बरसाएंगी। जिन लोगों को संस्कृत में पाठ करने में परेशानी हो तो वह हिंदी में भी पाठ कर सकते हैं। अशुद्ध पाठ नहीं करना चाहिए इसलिए अगर आप हिंदी में आराम महसूस करते हैं तो उसी के पाठ करें। शुद्ध पाठ करने से आपको पूर्ण फल की प्राप्ति होगी।