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पत्रकार सुशील पाठक मर्डर केस: पांच साल जांच के बाद भी कुछ पता नहीं लगा पाई सीबीआई

Journalist-sushil-Murder-Caseबिलासपुर. छत्तीसगढ़ पत्रकार सुशील पाठक हत्याकांड में सीबीआई की क्लोजर रिर्पोट पर सुनवाई करते हुए रायपुर सीबीआई की विशेष न्यायालय ने के दो संदिग्धों को रिहा कर दिया है.

30 दिसंबर को सीबीआई ने विशेष न्यायालय में क्लोजर रिर्पोट पेश कर कहा था कि संदिग्धों को रिमांड पर लेकर लंबे समय तक पूछताछ के बाद भी कुछ भी हासिल नहीं हुआ, लिहाजा मामले का खात्मा हो.

ऐसे में संदिग्धों के रिहाई के बाद अब न्याय की उम्मीद लगाए लोगों के उम्मीदें अब जवाब देने लगी है. गौरतलब है कि 19 दिसंबर 2010 की देर रात पत्रकार सुशील पाठक की गोली मार के हत्या कर दी गई थी.

सीबीआई इस मामले में 5 साल से भी ज्यादा समय से मामले की जांच कर रही थी, लेकिन उसके हाथ कुछ भी नहीं लगा.

दिवंगत सुशील पाठक की पत्नी और प्रेस क्लब बिलासपुर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि मामले में सीबीआई की जांच के बजाय हाईकोर्ट अपनी निगरानी में एस.आई.टी गठन कर मामले की जांच करे.

इस याचिका पर हाईकोर्ट में 15 फरवरी को सुनवाई होनी है.

 

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