राष्ट्रीय

सुप्रीम कोर्ट ने EWS को 10 फीसदी आरक्षण पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने उच्च शिक्षा में ईडब्लूएस को 10 फीसदी आरक्षण के मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया है। यह सुनवाई शिक्षण संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले संविधान के 103वें संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हो रही थी।

चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता सहित अन्य वरिष्ठ वकीलों की दलीलें सुनीं। इसके बाद इस कानूनी प्रश्न पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया कि ईडब्ल्यूएस कोटा ने संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन किया है, या नहीं। शीर्ष अदालत में इस संबंध में साढ़े छह दिन तक सुनवाई हुई।

इससे पहले 13 सितंबर को हुई सुनवाई में एकेडेमिशियन मोहन गोपाल ने ईडब्लूएस कोटा का विरोध किया था। वहीं अंतिम दिन याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने केंद्र सरकार की दलीलों का जवाब दिया। रिज्वाइंडर तर्क की शुरुआत सीनियर एडवोकेट प्रो. रवि वर्मा कुमार ने की। उन्होंने पहाड़ों, गहरी घाटियों और आधुनिक सभ्यता से दूर क्षेत्रों में रहने वाली विभिन्न अनुसूचित जनजातियों की दुर्दशा के बारे में बताया। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक आरक्षण और गरीबी के बीच गठजोड़ प्रदान नहीं किया है। उसने यह भी नहीं समझाया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण के बजाय अन्य लाभ क्यों नहीं दिए जा सकते हैं।

Related Articles

Back to top button