नई दिल्ली: आयुर्वेद में ब्राह्मी को एक औषधि माना गया है। इसका उपयोग विभिन्न रोगों को रोकने के लिए किया जाता है। भारत में प्राचीन काल से ही ब्राह्मी का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता रहा है। औषधि को ब्रह्मा के बाद ब्राह्मी कहा जाता है। चरक संहिता में भी ब्राह्मी का उल्लेख है। इसकी रचना आचार्य अग्निवेश ने की है। ब्राह्मी एक सब्जी है। इसके फूल सफेद और पत्ते मुलायम होते हैं। यह केवल भारत में ही पाया जाता है। ब्राह्मी को पूरे देश में कई नामों से जाना जाता है। ब्राह्मी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके सेवन से कई बीमारियों से निजात मिलती है। इसमें रक्त शुद्ध करने वाले गुण भी होते हैं। साथ ही इसके सेवन से एकाग्रता बढ़ती है और दिमाग तेज होता है। आइए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ-
जर्नल ऑफ फार्माकोग्नॉसी एंड फाइटोकैमिस्ट्री में एक शोध के माध्यम से यह बात सामने आई है कि ब्राह्मी का दिन में दो बार सेवन करने से मस्तिष्क में सुधार होता है। याददाश्त बढ़ती है। इसके लिए शोध में शामिल लोगों को 300 मिलीग्राम ब्राह्मी का दिन में दो बार सेवन करने की सलाह दी गई। इस शोध का परिणाम बहुत उत्साहजनक रहा। इस शोध में पाया गया कि ब्राह्मी के रोजाना सेवन से सिर्फ 2 महीने में याददाश्त में सुधार हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ब्राह्मी में प्राकृतिक यौगिक बैकोसाइड होता है, जो मस्तिष्क को उत्तेजित करता है। इसके सेवन से एकाग्रता बढ़ती है। इसके अलावा ब्राह्मी के सेवन से पेट से संबंधित बीमारियों से भी राहत मिलती है। खासकर ब्राह्मी कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए औषधि के समान है। इसके नियमित सेवन से कब्ज दूर होती है। इसका स्वाद ठंडा होता है। इसके लिए यह तनाव में भी उपयोगी है।
इसके लिए ब्राह्मी के पत्तों का सेवन किया जा सकता है। साथ ही रोजाना रात को सोने से पहले 150 मिलीग्राम ब्राह्मी पाउडर को एक गिलास दूध में मिलाकर सेवन करें। इसके नियमित सेवन से दिमाग तेज होता है और स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।