नई दिल्ली । यूपी कांग्रेस ने एक अध्यक्ष के साथ छ: प्रांतीय अध्यक्ष बनाए हैं। यह यूपी की सियासत में एक अनूठा प्रयोग है। यूपी कांग्रेस ने सूबे को छ: भागों में बाँट दिया है। पूर्वांचल, अवध, प्रयाग, बुंदेलखंड, ब्रज और पश्चिम जोनों में प्रांतीय अध्यक्ष तैनात किए जाएंगे। कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्षों के जरिए ना सिर्फ़ संगठन को मजबूत करेगी बल्कि जातीय समीकरण को बड़ी मजबूती के साथ साधेगी।
सूत्रों की माने तो जातीय और सांगठनिक अनुभव के आधार पर कार्य क्षेत्र का बटवारा किया जाएगा। यूपी में बृजलाल खाबरी के जरिए पूरे प्रदेश में दलित समाज को पार्टी जोड़ने के कवायद में जुटेगी। बृजलाल खाबरी प्रदेश में आक्रामक दलित नेता के बतौर जाने जाते हैं। अध्यक्ष के बतौर उनके कंधों पर प्रदेश भर में दलित समाज को जोड़ने की बड़ी जि़म्मेदारी होगी।
जि़ला महराजगंज के फरेंदा विधायक विरेंद्र चौधरी को पूर्वांचल के जि़लों का कार्यभार होगा। खासतौर पर फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, बस्ती, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर में कुर्मी जाति को जोड़ने का दारोमदार होगा। प्रयाग जोन में पूर्व मंत्री अजय राय को जि़म्मेदारी मिलेगी। भूमिहार जाति से आने वाले अजय राय मजबूत छवि के नेता रहे हैं। भूमिहार बिरादरी में अजय राय पूरब से पश्चिम तक सर्वमान्य नेता हैं। अवध और बुंदेलखंड जोनों में प्रांतीय अध्यक्षों की जि़म्मेदारी पूर्व मंत्री नकुल दुबे और योगेश दीक्षित की होगी। 2007 में मंत्री रहे नकुल दुबे का ब्राह्मण जाति में अच्छा खासा प्रभाव रहा है।
पश्चिम में प्रांतीय अध्यक्ष के बतौर नसीमुद्दीन सिद्दीकी को नियुक्त किया जाएगा। वहीं ब्रज में यादव लैंड से आने वाले अनिल यादव(इटावा) को जि़म्मेदारी दी जाएगी। जातीय समीकरण के लिहाज से देखें तो यूपी में इस फार्मूले के जरिए कांग्रेस ने एक मजबूत चक्रव्यूह की रचना की है।