उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी BJP, इन मंत्रियों को पकड़ाया गया टास्क
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव और उसके बाद रामपुर और आजमगढ़ में हुए दो लोकसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने शानदार प्रदर्शन किया था। इसके बाद अब सत्तारूढ़ भाजपा ने विपक्षी दलों से आगे रहकर शहरी नगर निगम चुनाव (Nagar Nigam ) की तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा ने 17 नगर निगमों में से प्रत्येक के लिए शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के संयोजक और चुनाव प्रभारी नियुक्त किए हैं। इसमें ज्यादातर योगी सरकार के मंत्रियों को ही नगर निगमों का टास्क पकड़ाया गया है और परिणाम आने के बाद उनकी जवाबदेही भी तय की जाएगी।
भाजपा ने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए पार्टी के मंत्रियों और वरिष्ठ पदाधिकारियों का मसौदा तैयार किया है। महापौर की 17 सीटों के लिए चुनाव प्रभारी नियुक्त करते हुए भाजपा ने सरकार और संगठन के बीच एक अच्छा संतुलन बनाए रखने का ध्यान रखा है। प्रत्येक मेयर सीट के लिए, कैबिनेट मंत्री के साथ, पार्टी संगठन के एक वरिष्ठ नेता को चुनाव के लिए सह-प्रभारी नियुक्त किया गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कई दिनों की कवायद के बाद इन चुनावों के लिए प्रभारियों की सूची को मंजूरी दे दी है।
सत्तारूढ़ दल ने नगर निगमों की सभी 17 मेयर सीटों पर जीत का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। भाजपा पहले ही 2024 में उत्तर प्रदेश की सभी 75 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने के एक और महत्वाकांक्षी लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। बीजेपी ने मेयर की सभी 17 सीटों पर जीत की रणनीति तैयार की है। हालांकि शहरी चुनाव राज्य सरकार की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं डालते हैं, ये चुनाव एक ऐसा माहौल बनाते हैं और मौजूदा सरकार की लोकप्रियता के बारे में स्पष्ट संकेत देते हैं।
भाजपा ने संगठनात्मक उद्देश्य के लिए शहरी क्षेत्रों को तीन क्षेत्रों – पश्चिमी यूपी, अवध और गोरखपुर में विभाजित किया है। पश्चिमी यूपी क्षेत्र में मेयर की सीटें गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, मथुरा-वृंदावन, आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, शाहजहांपुर, बरेली, कानपुर और झांसी हैं। अवध क्षेत्र की सीटें लखनऊ, अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी और गोरखपुर हैं। इसी रणनीति के तहत बीजेपी ने अब अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी है।