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सगे चाचा ने 4 माह के दुधमुंहे भतीजे को डेढ़ लाख में बेचा, पुलिस ने ऐसे पकड़ा

नई दिल्ली : पैसे की खातिर इंसान कुछ भी कर सकता है. इस तरह का एक मामला नवादा में देखने को मिला है. यहां अपने ही सगे चाचा ने 4 माह के दुधमुहे बच्चे का डेढ़ लाख में सौदा कर लिया. यह घटना नवादा शहर के मिर्जापुर मोहल्ले में हुई है जहां दशहरा के नवमी यानी 4 अक्टूबर को इस घटना को अंजाम दिया गया है.

बताया जा रहा है कि मिर्जापुर मोहल्ला निवासी कामता प्रसाद के द्वितीय पुत्र चंदन वर्मा ने अपने 4 माह के भतीजे मयंक को घर से उठाकर बेच दिया. घर पर पता चलते ही मयंक के माता-पिता ने इस बात की तत्कालनगर थाने को इसकी सूचना दी. मयंक के परिजनों ने बताया कि 4 तारीख को उसके चाचा चंदन वर्मा उसे लेकर घर से गया. सभी लोगों ने सोचा कि वह उसे कहीं घुमाने ले गया है. मगर बाद में फोन से उसने जानकारी दी कि उसने बच्चे को अगवा कर लिया है और पैसे के खातिर उसे बेचने जा रहा है.

मयंक के पिता शशि कुमार वर्मा और मां पूजा देवी ने तत्कालनगर थाने को इसकी सूचना दी. जहां थाने में कांड संख्या 1135/22 दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की गई. नवादा एसपी डॉ गौरव मंगला ने एक टीम का गठन किया जिसमें नगर थाने की पुलिस और डीआईयू की टीम को लगाया गया. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कल देर रात बच्चें को बरामद कर लिया.

नवादा एसपी डॉ गौरव मंगला ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए यह जानकारी दी कि मयंक के चाचा चंदन वर्मा ने उसका अपहरण कर पावापुरी विम्स में गार्ड का काम कर रहे प्रवीण कुमार को बच्चा बेच दिया था. प्रवीण के द्वारा उस बच्चे को विश्वजीत कुमार को ही डेढ़ लाख में दे दिया था. बताया जा रहा है कि वह पावापुरी मेडिकल कॉलेज में लिपिक के पद पर कार्यरत है और उन्हें संतान नहीं है.

इस मामले में पुलिस ने चंदन को पतरातू से गिरफ्तार किया. जबकि विम्स के लिपिक विश्वजीत कुमार एवं उनकी पत्नी सलोनी देवी को पावापुरी विम्स से गिरफ्तार किया. वहीं, इस मामले में अन्य फरार लोगों की भी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. कुछ लोगों को फिलहाल हिरासत में रखकर कड़ी पूछताछ की जा रही है. फिलहाल बच्चे को उसके माता पिता को सकुशल सौंप दिया गया है. इस प्रकार से नवादा पुलिस ने अपहरण की एक घटना को सुलझा दिया है.

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