अपने बच्चों के हाथ में जरूर पकड़ाएं झाडू, इससे उन्हें होंगे कई फायदे
बच्चों के हाथ में झाडू देना अच्छा है। यह जानकर आपको हैरानी हो रही होगी, लेकिन इसके पीछे का कारण जानने के बाद आप जरूर अपने बच्चों को झाड़ू देंगी…
साफ-सफाई की आदत बच्चों को इसी उम्र में पड़ जाए जो बेहतर है क्योंकि बड़े होने के बाद इनकी यही आदतें उन्हें बड़े नुकसान में डाल सकती है। बच्चों का रूम हमेशा फैला रहता है। आपके सफाई करके हटते ही थोड़ी देर बाद वे फिर से चीजें यहां-वहां फैला देते हैं। ना सिर्फ बच्चों का रूम बल्कि पूरे घर में ही वे बिखेरा करते हैं तो आपको उन्हें ऑर्गेनाइज बनाने की शुरूआत करनी होगी। घर को व्यवस्थित रखने के लिए आप बच्चों की फैलाई चीजें समेटती रहती हैं, तो थोड़ी एक्सरसाइज उन्हें सही बातें सिखाने की भी कर लें। बच्चों को ना सिर्फ खुद का रूम बल्कि पूरा घर साफ बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जाना जरूरी है।
खिलौने, गैजेट्स, कॉमिक बुक्स, स्टेशनरीज आदि बच्चों को विशेष प्रिय होती हैं और इन्हें वे अपनी कल्पनाओं से भी ज्यादा इकट्ठा कर लेने की चाहत रखते हैं। नतीजतन उनके रूम में इन चीजों का अच्छा खासा कलेक्शन हो जाता है। कुछ बच्चों में अपनी चीजों को सहेजकर रखने की आदत होती है लेकिन ज्यादातर बच्चे इस ओर लापरवाह ही होते हैं। काम में लेने के बाद चीजों को यहां-वहां फेंक देना उनकी आदत में शुमार होता है। क्योंकि वे जानते हैं कि मां इन्हें यथास्थान रख ही देती हैं। बच्चों की इस प्रवृत्ति को सही नहीं माना जाना चाहिए। क्योंकि अव्यवस्थित रहने की ये आदत आगे चलकर उनके स्वभाव और मनोवृत्ति पर हावी हो सकती है। इसलिए उन्हें बचपन से ही व्यवस्थित रहने की आदत डाली जानी चाहिए।
पूरे दिन का शिड्यूल बनाएं
बच्चे को ऑर्गेनाइज रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है यह कि उसके पूरे दिन की दिनचर्या निश्चित कर दी जाए। उसे बताएं कि पढ़ाई, खेलकूद, खाने और आराम करने के अलावा रूम की सफाई आदि के लिए भी एक समय तय कर दिया गया है और अब उसे इस आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। बच्चे द्वारा किए गए हरेक काम को ध्यान से देखें। बच्चों को अनुभव होना चाहिए कि उन पर आपकी नजर है और उनका काम बारीकी से नोटिस किया जा रहा है। अपना मोबाइल और कम्प्यूटर स्विच ऑफ कर दें, ताकि बच्चों के कामों में आप भी रुचि लें और उन्हें सही-गलत के बारे में बताया जा सके, अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और काम के टिप्स दिए जा सकें।
बेकार की चीजें हटाने को कहें
उनके रूम में एेसी कुछ चीजें जो ज्यादा काम की नहीं हैं या अनुपयोगी हैं उन्हें वहां से हटाने को कह दें। उनके रूम में जमा धुलाई के कपडे़, चादरें आदि लॉन्ड्री बैग में रखने को कहें। अगर उनके रूम में कुछ एेसी चीजें हैं जैसे उनके पिता का शेविंग बैग या आपका मेकअप किट, तो उन्हें सही जगह रखकर आने को कहें। बच्चों को खुद डिसाइड करने दें कि वे आपकी किस काम में मदद करना पसंद करेंगे- कपडे़ धोने या बर्तन साफ करने में।
सफाई की जरूरी चीजें तैयार रखें
बच्चों का रूम साफ हो जाने के बाद बच्चों को घर के दूसरे हिस्से में चलने को कहें। सफाई के समय चीजों की छंटनी की जरूरत होती है उन्हें कलेक्ट करने के लिए बॉक्स रखें, हाथों-हाथ उन्हें इन बॉक्स में जमा करती जाएं। सोफा, कारपेट, गद्दे आदि को वेक्यूम क्लीनर से साफ करवा लें। जो चीजें स्टोर की जानी हैं उन्हें अलग कर लें बाकी बेकार की चीजों के बारे में तय कर लें कि उन्हें किसी को देना है या कबाड़ में बेचना है।
अलग-अलग कर लें वस्तुओं को
बच्चों को सफाई की शुरूआत करने के लिए छोटा एरिया दें। उन्हें बताएं कि उस जगह रखी अनावश्यक वस्तुओं को अलग करना है। इससे आपको भी चीजों की छंटाई के लिए सोचने का वक्त मिल जाएगा और आप तय कर पाएंगी कि इनका क्या इस्तेमाल करना है। टूटी हुई चीजों को बाहर कर दें। जो चीजें यथास्थान नहीं हैं उन्हें सही जगह रखवाएं। बच्चों की जो चीजें अच्छी कंडीशन में है और काम आ सकती हैं उन्हें किसी को दिया जा सकता है ताकि वे किसी के उपयोग में आ सकें।
स्टार्ट क्लीनिंग
अब आप देखेंगी कि घर बदला हुआ और ऑर्गेनाइज्ड नजर आने लगा है। अब क्लीनिंग का समय है। इस काम में भी बच्चों की मदद लें। उन्हें तय करने दें कि वे कचरा, धूल मिट्टी हटाने के लिए झाडू़ काम में लेंगे या वेक्यूम क्लीनिंग करेंगे।
काम में उनकी मदद करें
अब आपका घर और उनका रूम पूरी तरह से व्यवस्थित हो चुका है। बच्चों के रूम में कुछ कंटेनर्स या नेट या बॉक्स आदि रख दें ताकि वे अपने खिलौने और दूसरी चीजें उनमें रख सकें। इससे चीजों को फैलने से बचाया जा सकेगा और उनका रूम भी बिखरने से बचा रहेगा। बच्चों में भी यह आदत विकसित होगी कि चीजों को व्यवस्थित रखा जाना महत्वपूर्ण है। बच्चों को किताबें, खिलौने, स्टेशनरी, कॉमिक्स, कपडे़ और काम में आने वाली हर चीज को सही जगह रखने की अहमियत के बारे में बताया जाना जरूरी है। उनसे कूड़ा साफ करवाने में संकोच ना करें। यही भाव उन्हे समझाएगा कि कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता।