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देश में बड़े प्रसिद्ध हैं मां लक्ष्‍मी जी के ये मंदिर, दर्शनमात्र से पूरी होती है मनोकामना

नई दिल्‍ली : धन की देवी लक्ष्मी का त्योहार दीपावली 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. इस दिन घर-घर में मां लक्ष्मी की पूजा (Worship) होती है. वहीं भारत में मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) के जो प्रसिद्ध मंदिर है वहां दिवाली (Diwali) की रौनक कुछ खास होती है. हर मंदिर की अपनी विशेषताएं है.

महालक्ष्मी की महिमा (mahalakshmi glory) ऐसी है कि इन मंदिरों में देवी के दर्शन मात्र से धन संबंधित परेशानियां खत्म हो जाती है. दिवाली के पांच दिवसीय पर्व इन मंदिरों में दर्शन का विशेष महत्व (special importance) है. आइए जानते हैं दिवाली मां लक्ष्मी के प्रसिद्ध मंदिर की महिमा.

विश्वप्रसिद्ध श्रीपद्मावती देवी मंदिर (World Famous Shripadmavati Devi Temple) दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के तिरुचानूर में स्थित है. तिरुचानूर को मंगापट्टनम भी कहा जाता है. कहते हैं कि तिरुपति बालाजी मंदिर आने वालों की मनोकामना तभी पूर्ण होती है जब देवी पद्मावती के दर्शन भी किए जाएं. धार्मिक मान्यता है के अनुसार यहां मौजूद तालाब में ही वह कमल का फूल खिला था जिसपर विराजमान होकर मां लक्ष्मी ने जन्म लिया था. यहां मां लक्ष्मी को अलवेलु मंगम्या भी कहा जाता है.

मध्यप्रदेश के रतलाम में माता महालक्ष्मी के इस मंदिर की महत्ता जगजाहिर है. यहां धनतेरस से दीपावली मां लक्ष्मी का सोने के आभूषणों से श्रृंगार किया जाता है और पूरे मंदिर को पैसे और गहने से सजाया जाता है. खास बात ये है कि दिवाली से समय तीन दिन तक इस मंदिर के कपाट बंद नहीं होते.

देश की राजधानी दिल्ली के लक्ष्मीनारायण मंदिर (Laxmi Narayan temple) में मां लक्ष्मी श्रीहरि भगवान विष्णु संग विराजमान हैं. 1622 में वीरसिंह देव नें इस लक्ष्मीनारायण मंदिर का निर्माण कराया था. कहते हैं कि यहां आने वालों की झोली कभी खाली नहीं जाती. यहां सच्चे मन से मां लक्ष्मी से जो मांगों वह जरूर मिलता है.

महालक्ष्मी का यह मंदिर 15,000 किलो शुद्ध सोने से निर्मित है. धन की देवी का स्वर्ण मंदिर तमिलनाडू (Golden Temple Tamil Nadu) के वैल्लोर से थोड़ा दूर थिरूमलाई कोडी स्थान पर है. यह विशाल मंदिर करीब 100 एकड़ में फैला है. मान्यता है यहां जो आता है मां लक्ष्मी की कृपा से उसे जीवन में कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होती.

मुंबई का महालक्ष्मी मंदिर (Mahalaxmi Temple of Mumbai) बहुत सिद्ध मंदिरों में से एक है. कहते हैं यहां आने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती है. इस मंदिर में देवी लक्ष्मी के साथ महाकाली और महासरस्वती भी विराजमान है. तीनों देवी के आशीष से जीवन सार्थक हो जाता है. मान्यता है कि अंग्रेजों के शासन काल में मुंबई में वर्ली और मालाबार हिल को जोड़ने के लिए दीवार का निर्माण कार्य चल रहा था. लेकिन काम में बाधा आ रही थी. कहते हैं कि इस कार्य के ठेकेदार रामजी शिवाजी के स्वप्न में देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं और उन्हें समुद्र तल से देवियों की प्रतिमाएं निकालकर मंदिर में स्थापित करने का आदेश दिया. ठेकेदार ने आदेश का पालन किया और कार्य बिना बाधा के पूर्ण हो गया.

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