देश में जनसंख्या का असंतुलन चिंताजनक,जनसंख्या नीति ऐसी बनाई जाये जो सभी पर लागू हो- दत्तात्रेय होसबले
प्रयागराज : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक बार फिर से कहा है कि देश में जनसंख्या का असंतुलन चिंताजनक है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि जनसंख्या नीति पर समग्रता से विचार किया जाना चाहिए, और एक ऐसी जनसंख्या नीति बनाई जानी चाहिए जो सभी पर लागू हो. इससे पहले विजयादशमी के दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या असंतुलन पर चिंता जताई थी और एक ऐसी नीति की पैरवी की थी जो सब पर लागू हो.
प्रयागराज में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चार दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के अंतिम दिन दत्तात्रेय होसबले ने पत्रकारों को बताया कि धर्मांतरण से देश में हिन्दुओं की संख्या कम हो रही है. उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में मतांतरण की साजिश चल रही है. कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ भी हो रही है. सरकार्यवाह ने कहा कि जनसंख्या असंतुलन के कारण कई देशों में विभाजन की नौबत आई है. भारत का विभाजन भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हो चुका है.
दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि एक ऐसी जनसंख्या नीति बननी चाहिए जो सब पर बराबरी से लागू हो. उन्होंने कहा कि हम पहले भी ये मांग कर चुके हैं कि जो अपना धर्म बदलते हैं उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए.
उन्होंने बांग्लादेश से घुसपैठ को भी जनसंख्या असंतुलन की वजह बताई. उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार, पूर्वोत्तर और दूसरे राज्यों में बांग्लादेश से घुसपैठ का असर देखने को मिला है. दत्तात्रेय होसबले ने मांग की कि सरकार को धर्मांतरण के खिलाफ बने कानूनों को सख्ती से लागू करना चाहिए.
जनसंख्या असंतुलन से संबंधित एक सवाल के जवाब में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि विगत 40-50 वर्षों से जनसंख्या नियंत्रण पर जोर देने के कारण प्रत्येक परिवार की औसत जनसंख्या 3.4 से कम होकर 1.9 हो गई है. इसके चलते भारत में एक समय ऐसा आएगा जब युवाओं की जनसंख्या कम हो जाएगी और वृद्ध लोगों की आबादी अधिक होगी, यह चिंताजनक है.
होसबले ने देश को युवा देश बनाए रखने के लिए जनसंख्या को संतुलित रखने पर उन्होंने जोर दिया. वहीं मतांतरण और बाहरी घुसपैठ जैसे दुष्चक्र के कारण होने वाली जनसंख्या असंतुलन पर चिंता भी व्यक्त की.
सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने बताया कि वर्ष 2024 के अंत तक हिंदुस्तान के सभी मंडलों में शाखा पहुंचाने की योजना बनाई गई है. उन्होंने बताया कि कुछ प्रांतों में यह कार्य चुनिंदा मंडलों में 99 प्रतिशत तक पूरा कर लिया है. चित्तौड़ ,ब्रज और केरल प्रांत में मंडल स्तर तक शाखाएं खुल गई हैं. सरकार्यवाह ने बताया कि पहले देश में 54382 संघ की शाखाएं थी अब वर्तमान में 61045 शाखाएं लग रही हैं. साप्ताहिक मिलन में भी 4000 और मासिक संघ मंडली में विगत एक वर्ष में 1800 की बढ़ोतरी हुई है.
सरकार्यवाह ने बताया कि वर्ष 2025 में संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस निमित्त संघ कार्य के लिए समय देने के लिए देशभर में तीन हजार युवक शताब्दी विस्तारक बने हैं. अभी एक हजार शताब्दी विस्तारक और निकलने हैं.