देहरादून : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केदारनाथ में जिस पोशाक को पहनकर पूजा करते नजर आए वह हिमाचल के चंबा की महिला द्वारा हाथों से तैयार की गई है। बीते दिनों हिमाचल प्रदेश दौरे के दौरान महिला ने प्रधानमंत्री को चोला-डोरा पोशाक उपहार दी थी। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वादा किया था कि जब किसी महत्वपूर्ण स्थान पर जाएंगे तो इस परिधान को पहनेंगे। शुक्रवार को प्रधानमंत्री हिमाचल की महिला द्वारा हाथों से बनाई गई पोशाक चोला डोरा को पहनकर पहुंचे और इसी पोशाक में उन्होंने केदारनाथ मंदिर में तकरीबन आधे घंटे तक पूजा भी की।
हिमाचल प्रदेश का पहनावा अपने आप में बहुत विशिष्ट है। हाथो से बनाया गया एक चोला होता है जिसे चोला-डोरा, या फिर ‘चोलू’ भी कहते है। यह वेशभूषा बहुत आकर्षक और विश्व प्रसिद्ध है। यह महिलाओ पर बहुत सुंदर लगती है। दूसरी पोषक या पहनावा है चोला एक लंबे कोट की तरह होता हैत्र जो पूरी तरह ऊन से बना होता है।
पुरुषों द्वारा पहनी जानी वाली कुल्लू टोपी भी बहुत प्रसिद्ध है। इस टोपी को भी लोग काफी पसंद करते हैं। जिस भी व्यक्ति के सिर पर यह टोपी नजर आती है सीधा हिमाचल की याद आ जाती है।
गोपेश्वर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुक्रवार को बदरीनाथ दौरे को लेकर पुलिस प्रशासन बदरीनाथ धाम में यातयात व्यवस्था को लेकर सतर्क है। गुरुवार को पुलिस व प्रशासन ने बड़े वाहनों को पांडुकेश्वर में ही रोक दिया। हालांकि यात्रियों को टैक्सी से बदरीनाथ जाने दिया गया। यात्रियों को गुरुद्वारा व स्थानीय होटलों में ठहराने की व्यवस्था भी की गई है।
पुलिस ने पांडुकेश्वर व गोविंदघाट में गुरुवार शाम को बड़े वाहनों को रोका गया है। मंशा यह है कि बदरीनाथ धाम में बड़े वाहनों से जाम की स्थिति पैदा न हो। पांडुकेश्वर में बुलेरो, मैक्स, सूमो आदि वाहनों से यात्रियों को बदरीनाथ धाम भेजकर दर्शन के बाद वाहन वापस लाए गए। जो यात्री यहीं रुकना चाहते थे, उन्हें गोविंदघाट गुरुद्वारा सहित स्थानीय होटलों में रुकने की व्यवस्था की गई। बड़े वाहनों को पांडुकेश्वर व गोविंदघाट में ही रोका गया।