देश में कोरोना के नए सब वेरिएंट की दस्तक, बूस्टर डोज लगवाने वालो में उदासीनता
नई दिल्ली : भारत में कोरोना के नए सब वेरिएंट के दस्तक देने के बाद भी यहां बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या बेहद कम है। आलम ये है कि कोवीशील्ड के लाखों बूस्टर डोज पड़े-पड़े बर्बाद हो रहे हैं। बाद में इस साल कोरोना की बूस्टर डोज भी आ गई। हालांकि, भारत में कोविड-19 की बूस्टर डोज को लेकर काफी उदासीनता देखी गई और कंपनियों की बनाई लाखों वैक्सीन बर्बाद हो गई है। दुनिया में कोरोना के नए सब वेरिएंट के आने के बाद भी अभी बूस्टर लेने वाला कोई नहीं है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदर पूनावाला (Adar Poonawalla) ने बताया है कि उनकी कंपनी की बनाई कोवीशील्ड वैक्सीन की लाखों डोज यूं ही पड़ी हुई है।
पूनावाला ने बताया कि SII ने पिछले साल दिसंबर में कोवीशील्ड वैक्सीन का उत्पादन बंद कर दिया था। कंपनी के पास 100 मिलियन डोज पड़े हैं जो पड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2021 से ही हमने कोवीशील्ड का उत्पादन रोक दिया था। बूस्टर डोज की मांग बिल्कुल भी नहीं थी। ऐसा लगता है कि हमारी तरह ही लोग कोरोना महामारी के कारण आजिज आ गए हैं और जो होगा देखा जाएगा के मूड में आ गए हैं।
विकासशील देशों की वैक्सीन बनाने वाले नेटवर्क (DCVMN) की बैठक के बाद मीडिये से बात करते हुए पूनावाला ने पुणे में कहा कि फिलहाल हमने वैक्सीन का उत्पादन रोक दिया है। उन्होंने बताया कि कंपनी की बनाई नई वैक्सीन कोवावैक्स (Covovax) मिक्स्ड बूस्टर डोज का हिस्सा होगी। उन्होंने कहा कि अब कोवावैक्स को दो सप्ताह के अंतराल पर लगाने की इजाजत मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जब लोग हर साल फ्लू की वैक्सीन लेंगे उसी दौरान कोरोना का बूस्टर डोज ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे पश्चिम के देशों में हर साल फ्लू की वैक्सीन लेने की परंपरा है वैसा भारत में नहीं है।
ओमीक्रोन की वैक्सीन के सवाल पर पूनेवाला ने कहा कि इसके लिए हम अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स के साझेदारी कर रहे हैं। इसके जरिए ओमीक्रोन वेरिएंट का बूस्टर डोज बनेगा। ये एक मिक्स्ड वैक्सीन होगी। उन्होंने बताया कि कोवावैक्स वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है उन्हें उम्मीद है कि इसके बूस्टर डोज की अनुमति अगले 10-15 दिन में मिल जाएगी। SII अमेरिकी कंपनी कोडाजेनिक्स के साथ मिलकर सिंगल डोज वैक्सीन बनाने पर काम कर रही है।
बैठक में मौजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के चीफ साइंटिस्ट डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट SARS-CoV-2 को देखते हुए हेल्थकेयर वर्कर और वैसे लोग जिनकी इम्युनिटी कमजोर है उसे वैक्सीन जरूर दिया जाना चाहिए।
डॉ स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना का नया वेरिएंट XBB ओमीक्रोन के 300 सब वेरिएंट की तुलना में ज्यादा खतरनाक है। ये इम्युनिटी को भी चकमा दे रहा है। इस वेरिएंट के कारण हो सकता है कि आने वाले समय में कोरोना का एक और वेव सामने आ जाए। उन्होंने बताया कि अभी दुनिया के किसी भी देश में कोरोना के इस सब वेरिएंट के कारण ज्यादा गंभीर स्थिति वाली बात सामने नहीं आई है और इससे ज्यादा संख्या में अस्पताल में भर्ती होने की खबरें नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें सतर्क होकर इस वायरस के जीनोम सिक्वेंसिंग करने की जरूरत है।