नई दिल्ली: पूरे भारत में आज दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। देश के कोने-कोने में इस पर्व के प्रति लोगों का उत्साह देखा जा सकता है। यह पर्व भारत में नहीं दुनिया के कई मुल्कों में मनाया जाता है। आज इस कड़ी में हम आपको बताते हैं कि दुनिया के किन मुल्कों में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है। इसके साथ यह भी बताएंगे कि इस पर्व को उस मुल्क में किस नाम से जाना जाता है। अन्य मुल्कों में इसे मनाने की क्या विधि है।
नेपाल में दशाली के बाद प्रमुख पर्व है तिहाड़
भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल में बड़ी तादाद में हिंदू आबादी रहती है। इसलिए नेपाल में दिवाली के पर्व का बड़ा महत्व है। नेपाल में इस पर्व को तिहाड़ के नाम से जाना जाता है। हालांकि, नेपाल का मुख्य त्योहार दशाली है। इसके बाद नेपाल का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार दिवाली यानी तिहाड़ है। इस पर्व को नेपाल के अधिकतर हिस्सों में दिवाली को लोग अपने तरीके और रीति-रिवाजों के साथ मनाते हैं। इस पर्व को लेकर लोगों में बड़ा उत्साह रहता हैं।
भारत की तरह मलेशिया में भी मनाई जाती है दिवाली
भारत के पड़ोसी मुल्क मलेशिया में दिवाली पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। मलेशिया में इस पर्व को भारत के अंदाज में ही मनाया जाता है। इस मुल्क में दिवाली को अलग-अलग अंदाज में मनाया जाता है। इस पर्व पर ऐसी मान्यता है कि मलेशिया में दिवाली का जश्न मनाने वाले दिन की शुरुआत तेल से स्नान करके करते हैं। इसके बाद लोग मंदिरों में जाकर पूजा-पाठ करते हैं। भारत की तरह इस देश में भी पटाखों का चलन है। मलेशिया में भारत की तरह मिठाई और संदेशों के जरिए भी इसको मनाते हैं।
भारत की तर्ज पर फिजी में भी मनाया जाता है ये पर्व
भारत की तरह फिजी में भी हिंदुओं की एक बड़ी आबादी रहती है। इस देश में भारतीयों की बड़ी तादाद रहती है। इसके चलते इस देश में हिंदू पर्वों को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। खास बात यह है कि हिंदी को आधिकारिक भाषा माना जाता है। भारत की तरह ही फिजी में भी दिवाली को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिवाली पर्व के दिन सावर्जनिक स्थल बंद होते हैं। भारत की तरह धरों में सजावट की जाती है। इसके बाद एक दूसरे को उपहार दिए जाते हैं।
इन मुल्कों में इस तरह मनाया जाता है ये पर्व
थाईलैंड में दिवाली पर्व को क्रायोंग के नाम से मनाते हैं। थाइलैंड में इस दिन छोटे-छोटे दिए बनाकर लोग उसको नदी में तैरने के लिए छोड़ते हैं। बर्मा में दिवाली पर्व को भारत की तरह ही मनाया जाता है। बर्मा में इस पर्व को तौगीज के नाम से मनाया जाता है। रोम में इसे कैंडिल मारू और नोर्टिविटी आफ मेरी उत्सव के नाम से मनाया जाता है।
चीन में नई महुआ के नाम से या पर्व के नाम से मनाया जाता है। इस दिन चीन के लोग चीनी भाषा में अपने घरों के बाहर शुभ-लाभ शब्द अंकित करते हैं। गुयाना में इस पर्व को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन घरों में रोशनी की जाती है। जापान में इसे तोरोनगशी उत्सव के रूप में मनाया जाता है। दिवाली की तर्ज पर इजरायल में हंतकाह प्रकाश उत्सव का आयोजन किया जाता है। इजयायल में यह पर्व आठ दिन तक मनाया जाता है। इस दौरान आतिशबाजी भी की जाती है। जर्मनी में 11 नवंबर को कार्निवल नाम से ऐसा ही मिलता जुलता एक पर्व मनाया जाता है।