शिवराज सरकार 2018 तक शासकीय भूमि पर काबिज लोगों को देगी पट्टा
भोपाल : CM शिवराज सरकार भी जनता को चुनावी उपहार देने की तैयारी कर रही है। 2018 तक शासकीय भूमि पर काबिज लोगों को प्रदेश सरकार पट्टा देने वाला है। ये प्रस्ताव स्वीकृत हो गया है। कैबिनेट बैठक के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। 31 दिसंबर, 2014 के स्थान पर पात्रता अवधि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2018 होगी।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रस्ताव को विधि विभाग से मंजूरी मिल गई है। कैबिनेट निर्णय के बाद लागू कर दिया जाएगा। अभी तक शहरी क्षेत्रों में 33 हजार 123 पट्टे दिए जा चुके हैं। 14 हजार 468 पट्टे दिए जाने बाकी हैं।
नगरीय क्षेत्रों में तेजी से हो रहे विकास और रोजगार के अवसर बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों से लोग नगरीय निकाय क्षेत्रों में आकर बस गए हैं। इन्होंने बिना किसी अनुमति के शासकीय भूमि पर मकान भी बना लिए हैं। इन्हें हटाया जाना भी कठिन कार्य है।
इसे देखते हुए शिवराज सरकार ने 31 दिसंबर 2014 तक नगरीय क्षेत्रों में स्थिति शासकीय भूखंड पर मकान बनाकर रह रहे हैं, उन्हें 30 साल के स्थायी पट्टे देने का निर्णय लिया था। सितंबर 2022 तक ऐसे एक लाख 17 हजार 400 आवेदन प्राप्त हुए थे। सत्यापन के बाद 69 हजार 809 अपात्र पाए गए। 47 हजार 591 को पट्टे देने का निर्णय लिया गया। इनमें से 33 हजार 123 को पट्टे दिए जा चुके हैं और 14 हजार 468 को पट्टे दिए जाने हैं।
योजा के प्रविधान अनुसार 150 वर्गमीटर तक के भूखंड के लिए वर्तमान बाजार मूल्य के पांच प्रतिशत के बराबर लीज दर पर पट्टा दिया जाएगा। 150 वर्गमीटर से अधिक पर 200 वर्गमीटर तक अतिरिक्त क्षेत्रफल के लिए दस प्रतिशत लीज दर के हिसाब से पट्टा दिया जाएगा।
भूखंड पर अधिपत्य प्रमाणित करने के लिए बिजली बिल, जल प्रदाय संबंधी बिल, शासकीय कार्यालय या उपक्रम से भूखंड से संबंधित कोई पत्राचार या दस्तावेज, जनगणना 2011 में उल्लेखित पता, स्थानीय प्राधिकारी द्वारा जारी संपत्ति कर की रसीद या मतदाता सूची में अंकित नाम व पता संबंधी प्रमाण देना होगा।
साल 2023 में देश के कुल 9 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं। इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम शामिल है। इन राज्यों में पार्टियों की जीत हार से आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर जनता के मूड का पता चलेगा।