वजीर फिल्म रिव्यू: शतरंज के ‘खेल’ में सस्पेंस का शानदार तड़का, अमिताभ की दमदार एक्टिंग
नई दिल्ली: कुछ फिल्मों को जब आप देखते हैं तो यह कौतूहल बना रहता है कि आगे क्या होगा। अब आगे क्या होनेवाला है? फिर पता ही नहीं चलता और फिल्म खत्म भी हो जाती है। वजीर इसी श्रेणी की फिल्म में शुमार की जा सकती है जो फिल्म के शुरुआत से लेकर अंत तक दर्शकों में उत्सुकता बनाए रखती है। अमिताभ और फरहान अख्तर अभिनीत फिल्म वजीर कहानी है हार और जीत की।
फिल्म के निर्देशक बिजॉय नांबियार ने फिल्म को बेहतरीन बनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की है। उन्होंने फिल्म में जान डालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। फिल्म में दर्शकों के लिए काफी मसाला भी दिया है। नांबियार ने एक्शन, थ्रिलर फिल्म की चाशनी में इस फिल्म को डुबोने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी है। वह इस फिल्म के निर्देशन से दर्शकों को एक तरह की दोस्ती को मसालेदार बनाकर बड़े पर्दे पर दिखाने में काफी हद तक कामयाब रहे है।
फिल्म की शुरूआत एक बेहतरीन थ्रिलर से होती है जो दर्शकों के लिए ढेरों जिज्ञासाएं जगाता है। अली परिवार एक खुशहाल परिवार है। दानिश (फरहान अख्तर) एक एटीएस ऑफिसर है। उनकी पत्नी रुहाना एक कथक डांसर है जो अदिती राव हैदरी के रुप में नजर आती हैं। दोनों का चार साल का एक बेटा है। अचानक दोनों की जिंदगी बदल सी जाती है। एक हादसा उनकी जिंदगी को हिला कर रख देता है। उसे एटीएस की नौकरी से भी सस्पेंड कर दिया जाता है। दानिश खुद को इस हादसे का जिम्मेदार मानता है। कुछ समय के बाद दानिश की मुलाकात होती है एक अपाहिज बूढ़े व्यक्ति ‘पंडितजी’ यानी अमिताभ बच्चन से। उसकी मुलाकात पंडित ओंकारनाथ धर से होती है। पंडित जी चल नहीं सकते और व्हील चेयर पर हैं।
इन दोनों के बीच दोस्ती हो जाती है। दानिश अचानक पंडितजी के प्लान का हिस्सा बन जाता है। जबकि पंडितजी तो खुद अपने साथ हुई घटना का बदला लेना चाहते हैं और फिर…।
‘वजीर’ में अमिताभ बच्चन और फरहान अख़्तर के साथ-साथ शतरंज का खेल भी एक अहम किरदार है। अमिताभ ने एक बार फिर खुद को साबित किया है कि उन्हें बॉलीवुड का शहंशाह यूं हीं नहीं कहा जाता है। एक मजबूर पिता और शतरंज के माहिर का किरदार अमिताभ ने बखूबी निभाया है। करीब 100 मिनट लंबी इस फिल्म का शुरुआत कसी हुई है। फरहान और अमिताभ बच्चन फिल्म की जान है। फरहान ने भी अभिनय के मोर्चे पर खुद को साबित किया है। नील नितिन मुकेश और अदिति राव हैदरी ने अपने रोल ठीकठाक निभाए हैं। फिल्म की पटकथा और सस्पेंस में बेहतरीन तालमेल दिखता है। फिल्म का एक गाना अतरंगी यारी काफी लोकप्रिय हो चुका है।