बागपत में बुखार से पांच बच्चों की मौत, डेंगू शाक सिंड्रोम की आशंका, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
बागपत, जागरण संवाददाता। बड़ौत क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर 24 घंटे के अंदर बुखार से पांंच चबच्चों की मौत होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। मरने वालों सभी बच्चे पांच से 15 साल तक की उम्र के हैं। फिलहाल मौत के कारणों से अंजान स्वास्थ्य विभाग जहां जांच कराने की बात कह रहा है वहीं कुछ चिकित्सकों का मानना है कि यह बुखार डेंगू शाक सिड्रोम हो सकता है, जो तेजी से बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने मात्र 23 मरीजों में डेंगू की पुष्टि की
स्वास्थ्य विभाग फिलहाल जिले में मात्र 23 मरीजों में डेंगू होने की पुष्टि करता है, जबकि क्षेत्र में सामान्य डेंगू के अलावा शाक सिड्रोम भी दस्तक दे चुका है। निजी अस्पतालों में शाक सिंड्रोम से ग्रसित बच्चों के आने के कई मामले आ चुके हैं। डेंगू के प्रकोप के बीच बीते 24 घंटे में दोघट में दो, छपरौली और लूंब में एक-एक बच्चे की मौत हो गई। स्वजन के मुताबिक, दो दिन बुखार आने के बाद उल्टी लगने से उनके बच्चों की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद अस्पतालों में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। ब्लड टेस्ट में दो बच्चों में डेंगू की पुष्टि हुई, जबकि दो अन्य की मौत के कारणों का पता नहीं चल सका।
छपरौली में शिक्षक दिनेश जैन की 12 वर्षीय बेटी खुशी जैन, दोघट की पट्टी मादान निवासी सतीश शर्मा के 13 वर्षीय बेटे लक्ष्य, दोघट की ही पट्टी तिरोसिया में नरेंद्र के पांच वर्षीय बेटे लक्षित तथा लूंब गांव में ओमपाल की 15 वर्षीया बेटी मन्नू की बुखार से मौत हो गई।
डेंगू शॉक सिंड्रोम की आशंका
आस्था मल्टीस्पेश्यलिटी हास्पिटल में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. अभिनव तोमर बताते हैं कि इस बार बच्चों में डेंगू शाक सिंड्रोम के लक्षणों वाले मामले सामने आ रहे हैं, जिसका समय पर उचित इलाज शुरू न हो पाने की स्थिति में दो दिन के बुखार के बाद मौत हो सकती है।