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जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस का दबदबा, भाजपा को झटका

virbhadra-singh-56607a05c92e4_exlstहिमाचल में जिला परिषद के चुनाव में कांग्रेस को बढ़त मिली है, जबकि भाजपा इस बार पिछड़ गई है। सूबे की दस जिला परिषदों में पांच पर कांग्रेस का कब्जा लगभग तय है। चार में भाजपा को जीत मिली है। शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर व मंडी में कांग्रेस आगे रही है, जबकि ऊना, हमीरपुर, कुल्लू और किन्नौर में भाजपा ने ज्यादा सीटें जीती हैं।

चंबा में मुकाबला बराबरी पर रहा है। जिला परिषद चुनाव में इस बार कई बड़े नेताओं को भी परोक्ष रूप से मात खानी पड़ी है। कई मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों और विधायकों के परिवार के सदस्यों को हार का सामना करना पड़ा है। गौरतलब है कि जिन 10 जिला परिषदों में चुनाव हुए हैं उनमें से छह पर भाजपा और चार पर कांग्रेस पिछली बार काबिज हुई थी। जिला कांगड़ा और लाहौल-स्पीति में अभी चुनाव होने हैं।

प्रदेश में भले ही जिला परिषद चुनाव पार्टी चिन्ह पर न हुए हों, लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने हर सीट पर पार्टी समर्थित उम्मीदवार उतारे थे। इनकी न केवल घोषणा की गई, बल्कि पार्टी के दिग्गज नेताओं ने इन उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार भी किया। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले हुए इन चुनावों के नतीजों के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। इन्हें आगामी विस चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

हिमाचल कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता नरेश चौहान का कहना है कि जिला परिषद चुनाव में 75 फीसदी सीटों पर कांग्रेस समर्थित या कांग्रेस विचारधारा के प्रत्याशी जीते हैं। जहां पार्टी समर्थित उम्मीदवार हारे हैं, उसकी समीक्षा होगी।

वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती का कहना है कि जिला परिषद में 4 जिलों में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है। अन्य जिलों में भी भाजपा से जुड़े जिप सदस्य जीते हैं। इनकी सूची अभी मिली नहीं है। वहीं, सीएम वीरभद्र सिंह का कहना है कि पंचायतीराज चुनावों के नतीजों से मैं संतुष्ट हूं। पूरे नतीजे आने के बाद ही प्रतिक्रिया दे पाऊंगा।

जिला=======कांग्रेस=======भाजपा====अन्य=====कुल
शिमला=======12=========05=======05=======22/24
सोलन========10========05=======02=======17
सिरमौर=======10========05=======–=======15/17
किन्नौर=======04========06=======–=======10
बिलासपुर======09=======02=======03=======14
ऊना==========06=======10=======01=======17
हमीरपुर=======06=======08=======04=======18
मंडी=========17=======13========06=======36
कुल्लू========03=======07=======04=======14
चंबा=========05=======05=======08=======18
(कांगड़ा और लाहौल में अभी चुनाव नहीं हुए हैं।)
हमीरपुर। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के गृह वार्ड समीरपुर से कांग्रेस ने जीत की हैट्रिक लगाई है। कांग्रेस ने यहां से लगातार तीन बार जिला परिषद का चुनाव जीता है। जबकि बीजेपी यहां से लगातार तीन चुनाव हार चुकी हैै। प्रदेश महिला आयोग की सदस्य प्रोमिला लगातार यहां से दो बार जिला परिषद का चुनाव जीत चुकी हैं। उन्होंने हर बार यहां से बीजेपी प्रत्याशी को हराया। लेकिन प्रोमिला ने इस बार जिला परिषद का चुनाव नहीं लड़ा।

निवर्तमान जिला परिषद सदस्य प्रोमिला के सुझाव पर कांग्रेस ने यहां से संगीता शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा। संगीता शर्मा का पहला चुनाव था। वह इससे पहले पंचायत व अन्य किसी भी चुनाव में नहीं उतरीं। उन्होंने यहां से बीजेपी की कमलेश कुमारी को करारी शिकस्त दी। संगीता शर्मा ने 2769 मतों से रिकार्ड जीत हासिल की है। बीजेपी समर्थित प्रत्याशी कमलेश कुमारी इससे पहले दो बार पंचायत चुनाव जीत चुकी हैं। जिनके पास अनुभव और पहचान की कोई कमी नहीं थी। बावजूद वह कांग्रेस प्रत्याशी से चुनाव हार गईं।

समीरपुर वार्ड से यह रहे प्रतिनिधि-
वर्ष================जिप सदस्य
2005 से 2010 तक====प्रोमिला देवी (कांग्रेस)
2010 से 2016 तक====प्रोमिला देवी (कांग्रेस)

जिला परिषद और बीडीसी के नतीजे आते ही कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के गढ़ में कांग्रेस के दस प्रत्याशियों के जीतने का दावा किया है। कांग्रेस का दावा है कि जिला परिषद के चुनाव में धूमल के विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के सात प्रत्याशी जीते, जबकि कांग्रेसी विचारधारा के तीन निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी जीत दर्ज की। पूरे जिले में भाजपा के खाते में सिर्फ 8 सीटें ही आईं।

कांग्रेस ने दावा किया है कि पैनल बनाकर भी भाजपा के ज्यादातर प्रत्याशी हार गए। जबकि ज्यादातर जगहों पर एक से ज्यादा कांग्रेसी विचारधारा के प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में उतरने के बाद भी कांग्रेस का ओवरऑल प्रदर्शन अच्छा रहा। कांग्रेस हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के चेयरमैन नरेश चौहान ने कहा कि प्रदेश में दूसरे चरण के पंचायती राज चुनावों के नतीजों में पंचायत समिति और जिला परिषद के कांग्रेस समर्थित व विचारधारा के उम्मीदवारों का जीतना साफ करता है कि प्रदेश की जनता का तीन साल की सरकार पर अभी भी भरोसा कायम है।

धूमल के चुनाव क्षेत्र में उनके अपने वार्ड से कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीतीं हैं। इसके अलावा धूमल के चचेरे भाई पृथ्वी राज धूमल, भाजपा नेता महेंद्र सिंह की बेटी और दामाद, गुलाब सिंह ठाकुर का बेटा भी पंचायत चुनाव हार गए हैं। उन्होंने कहा कि इन नतीजों से साफ है कि प्रदेश के प्रबुद्ध मतदाताओं ने कांग्रेस सरकार की ओर से तीन साल से प्रदेश में चलाई जा रही योजनाओं पर मुहर लगाई है।

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