मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के स्मृति दिवस पर एक बार फिर महाराष्ट्र (Maharashtra) में राजनीति शुरू हो गई है। बालासाहेब ठाकरे के स्मृति दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने शिवाजी पार्क में स्मारक का दौरा किया। हालांकि, बाद में यह बात सामने आई कि ठाकरे गुट के कुछ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने वहां गोमूत्र छिड़ककर ‘शुद्धि’ की थी। इसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। इसके बाद ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने शिंदे गुट की आलोचना की है। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी द्वारा स्वतंत्रता सेनानी सावरकर की आलोचना को लेकर चल रहे विवाद पर भी अपनी राय बताई।
भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने स्वतंत्रता सेनानी सावरकर की आलोचना की। इसके बाद बीजेपी ने ठाकरे गुट और कांग्रेस पर हमला करना शुरू कर दिया। संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, ‘हमें हर दिन यह बताने की जरूरत नहीं है कि वीर सावरकर के बाद बाला साहेब ठाकरे ही एकमात्र हिंदू सम्राट हैं।
इस बारे में अपनी राय बताते हुए संजय राउत ने कहा, “वीर सावरकर को भारत रत्न दें? हम लगातार मांग कर रहे हैं। हिन्दू दिलों के शहंशाहों के लिए इतना प्यार है, सावरकर के साथ बाला साहेब ठाकरे को भी भारत रत्न मिलना चाहिए। कई राजनीतिक नेताओं को स्वार्थी कारणों से भारत रत्न की उपाधि दी गई है। लेकिन बालासाहेब ठाकरे और सावरकर को भारत रत्न की उपाधि क्यों नहीं दी गई?” उन्होंने आगे कहा कि, ‘सावरकर को झूठा प्यार मत दिखाओ, उन्हें भारत रत्न दो, यह शिवसेना की मांग है। हम पिछले 15 साल से मांग कर रहे हैं।’
संजय राउत (Sanjay Raut) ने आगे शिंदे गुट की आलोचना करते हुए कहा, आज हम बाला साहेब के विचारों को प्राथमिकता देकर आगे बढ़ रहे हैं। कोई कुछ भी कहे, कितनी भी आलोचना की जाए, बाला साहेब के विचारों की मशाल सिर्फ वफादारों के हाथ में ही हो सकती है। शिवसेना प्रमुख को बने 10 साल हो गए हैं। उसके बाद कुछ राजनीतिक दलों ने शिवसेना को तोड़ने की कोशिश की। जिस तरह से वे कह रहे हैं कि बालासाहेब हमारे हैं और उनके विचार हमारे हैं, यह ढोंग है। बालासाहेब को दिखावे से घृणा थी। उन्होंने कहा कि ढोंग करने वालों को लात मारनी चाहिए। दुर्भाग्य से आज महाराष्ट्र में कुछ पाखंडी यह कहकर जनता को गुमराह कर रहे हैं कि हम बालासाहेब के विचारों के उत्तराधिकारी हैं। लेकिन वे लोग बालासाहेब ठाकरे के प्रति पूरी तरह से वफादार हैं”।
इस बीच, संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, “अगर बालासाहेब होते और यह सब उनके सामने हो रहा होता तो, बालासाहेब उनकी हालत बहुत खराब कर देते। बालासाहेब की फटकार, रुख और विचारों ने महाराष्ट्र को मजबूत किया।बालासाहेब के नाम पर जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं। वे लंबे समय तक नहीं टिकेंगे”।