50 करोड़ से बड़ी परियोजना के कार्यों में आएगी तेजी, पीडब्ल्यूडी का भवन सेल देखेगा काम
50 करोड़ से अधिक की लागत वाले शासकीय भवनों के निर्माण कार्य में आ रही दिक्कतें आप दूर होंगी। इन शासकीय भवनों में मेडिकल कॉलेज, अटल आवाासीय विद्यालय, फारेंसिक विश्वविद्यालय और नए कलेक्ट्रेट भवन शामिल है। नई व्यवस्था के तहत इन परियोजनाओं के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए लोक निर्माण विभाग के भवन सेल नियोजन विभाग के तहत काम करेगा। ये व्यवस्था 31 मार्च 2023 तक के लिए है। बता दें कि वर्तमान में 56 बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
इस आशय का शासनादेश प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी नरेंद्र भूषण ने जारी किया है। जिसमें लिखा गया है कि 31 मार्च 2023 तक के लिए यह व्यवस्था है। इस दौरान नियोजन विभाग द्वारा ईपीसी परियोजनाओं के लिए तकनीकी सेल का गठन कर लिए जाने पर पीडब्ल्यूडी के भवन सेल से यह जिम्मेदारी हट जाएगी। परियोजनाओं के काम को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए पीडब्ल्यूडी के भवन तकनीकी सेल में तैनात अभियंताओं की तैनाती में परिवर्तन या अतिरिक्त अभियंताओं की तैनाती का प्रस्ताव नियोजन विभाग कर सकेगा। नियोजन विभाग के अधीन जा चुके ईपीसी मोड पर निर्माणाधीन भवनों के निर्माण कार्य की मानीटरिंग का काम पीडबल्यूडी के भवन खंडों द्वारा यथावत किया जाएगा। पर्यवेक्षणीय कार्य पीडब्ल्यूडी के पीएमजीएसवाई सेल के मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता यथावत करते रहेंगे।
सरकार ने बीते सितंबर में पीडबल्यूडी के भवन सेल से 50 करोड़ से अधिक रुपये की लागत वाली परियोजनाओं जिन्हें इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड पर किया जाना था, उन परियोजनाओं को नियोजन विभाग को सौंपने का निर्णय लिया था। कैबिनेट से इस प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद ईपीसी मोड पर राज्य में निर्माणाधीन 56 परियोजनाएं नियोजन विभाग के पास चली गई थीं।
इन परियोजनाओं के काम की सुस्त गति को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया था। इस फैसले का उद्देश्य यह है कि परियोजना का काम शुरू होने के बाद 18 माह के अंदर उसे पूरा किया जा सके। परियोजनाओं के विलंबित होने से परियोजना लागत और समय बढ़ने से रोका जा सके।