हजारों अफगानों को ईरान की सीमा पर धकेल रहा तुर्की, मानवाधिकार रिपोर्ट में दावा
काबुल: तुर्की हजारों अफगान शरणार्थियों को नियमित रूप से ईरान से सटी सीमा से धकेल कर अफगानिस्तान भेज रहा है। ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
अफगानिस्तान की टोलो न्यूज ने मानवाधिकारों का हवाला देते हुए कहा कि इनकी कोई अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा जांच नहीं की जा रही है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने यह भी पाया कि तुर्की में अफगानों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पंजीकरण कराने से रोका जा रहा है। इन अफगानों को शरणार्थी का दावा करने का भी कोई अवसर नहीं दिया जाता है।
तुर्की ने 2022 के पहले आठ महीनों में 44, 768 अफगानों को हवाई मार्ग से काबुल भेजा था। यह संख्या 2021 के पहले आठ महीनों की तुलना में 150 प्रतिशत अधिक है। अफगानिस्तान पर अगस्त 2021 में तालिबान ने फिर काबिज होकर देश को इस्लामिक अमीरात का रूप दिया है। मानवाधिकार संगठन की 73 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की द्वारा अफगानियों को निकाले जाने से संकट गहरा गया है। तुर्की से हाल ही में निर्वासित किए गए कुछ अफगानों ने देश लौटने के दौरान तुर्की पुलिस के दुर्व्यवहार का आरोप लगाया।
अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ नासिर अहमद तरेकी का कहना है कि तुर्की, ईरान और पाकिस्तान से अफगान प्रवासियों का जबरन निष्कासन शरणार्थियों संबंधी अंतरराष्ट्रीय कानूनों और समझौतों का स्पष्ट उल्लंघन है। इससे इन अफगानों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।
इससे पहले, अफगानिस्तान के शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मंत्रालय ने कहा था कि तुर्की ने अफगान शरणार्थियों को निर्वासित नहीं करने का वादा किया था। शरणार्थियों की समस्या को हल करने के लिए काबुल और अंकारा के बीच एक संयुक्त आयोग की स्थापना की गई है। इस बीच, कुछ विश्लेषकों ने कहा कि पिछले छह महीनों के भीतर लगभग 1,90,000 अफगानों को ईरान से निर्वासित किया गया है। विश्लेषकों के अनुसार, देश में नौकरियों की कमी और मानवाधिकारों के उल्लंघन ने लोगों को अवैध तरीकों से ईरान और तुर्की जैसे पड़ोसी देशों में जाने के लिए मजबूर किया है।