शिमला: प्रदेश में बिना पंजीकरण करवाए कई निजी शिक्षण संस्थान नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) करवा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में 4,000 प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती से पहले इस फर्जीवाडे़ का खुलासा हुआ है। शिकायतें मिलने के बाद राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की अदालत में यह मामला पहुंच गया है। अगले सप्ताह आयोग की अदालत में इस बाबत सुनवाई होगी। आयोग ने मामले को लेकर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय से भी जवाबतलबी की है।आयोग के पास पहुंचीं शिकायतों के अनुसार प्रदेश में बीते कुछ समय से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के तहत कुछ बाहरी राज्यों की कंपनियों ने प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों के साथ एमओयू किए हैं।
इन संस्थानों ने एमओयू के तहत एनटीटी और अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन के कोर्स शुरू किए हैं। प्रदेश के कई युवाओं ने इन कोर्स में दाखिले भी लिए हैं। शिकायतें मिलने पर आयोग ने प्रारंभिक जांच में पाया कि इन कोर्स को करवाने के लिए प्रदेश के किसी भी संबंधित विभाग से मंजूरी नहीं ली गई। बिना पंजीकरण कोर्स करवाए जा रहे हैं। फीस स्ट्रक्चर भी निजी संस्थानों ने खुद तय किए हैं। जिन निजी कंपनियों ने एमओयू किए हैं, उन्हें भी निजी शिक्षण संस्थानों ने भारी-भरकम रकम अदा की है। प्रदेश में बीते करीब डेढ़ वर्ष से प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
शिकायतें मिलने के बाद आयोग की अदालत में केस लगाया गया है। शिक्षा विभाग से भी आवश्यक जानकारियां मांगी गईं हैं। प्रदेश सरकार को भी इसकी सूचना दे दी है। – मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक, अध्यक्ष, आयोग