9 लाख खर्च कर लीगल एडवाइजर रखेगी सरकार
भोपाल : लोक निर्माण विभाग के दागी अफसरों की विभागीय जांच के लिए अब राज्य सरकार हर साल नौ लाख रुपए खर्च कर विधिक परामर्शी तैनात करेगी। इस पद पर तैनाती के जरिए रिटायर्ड अफसरों का पुनर्वास किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग में न्यायालयीन प्रकरण, विभागीय जांच, स्थापना एवं अन्य विशिष्टि कार्यों हेतु प्रथम श्रेणी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को विभागीय जांच परामर्शी के रूप में तैनात किया जाएगा।
इस पद पर नियुक्ति के लिए शासकीय कार्य विभागों के स्थापना, विभागीय जांच, परिपत्रों, नियमों का पूर्ण ज्ञान एवं संबंधित कार्य संपादन का न्यूनतम सात वर्ष का अनुभव जरूरी होगा किसी भी निर्माण विभाग में प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी के रूप में न्यूनतम पंद्रह वर्ष तक कार्य करने और राज्य स्तर पर विभागाध्यक्ष कार्यालय में पांच वर्ष तक लीगल, विभागीय जांच, अनुबंध, नियमों की ड्राफ्टिंग के काम का अनुभव जरूरी होगा।
परामर्शी के पद पर दो साल के लिए नियुक्ति की जाएगी। अधिकतम 65 वर्ष तक की आयु वाले सेवानिवृत्त अधिकारी को यहां तैनात किया जा सकेगा। इनके वेतन पर सालाना नौ लाख रुपए सरकार खर्च करेगी। इसके अलावा पेंशन तथा अन्य सेवानिवृत्ति सुविधाएं उन्हें पूर्वानुसार मिलती रहेंगी। इस पद के लिए 28 नवंबर तक परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पीआईयू के पास आवेदन किया जा सकेगा।
विभागीय न्यायालयीन प्रकरणों का शासन के नियम, परिपत्रों के परिप्रेक्ष्य में न्यायालयीन आदेशों के परिपालन, निराकरण संबंधी कार्यवाही, विभागीय जांच, लोकायुक्त जांच एवं अन्य जांचों संबंधी प्रकरणों का निराकरण, आर्बिट्रेशन प्रकरणों का निराकरण, टेक्नो-लीगल स्थापना आदेशित अन्य कार्य परामर्शी द्वारा किया जाएगा।