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कल है मार्गशीर्ष माह की अमावस्या, इस दिन करें ये उपाय, प्रसन्न होंगे पितृ

नई दिल्‍ली : मार्गशीर्ष अमावस्या 23 नवंबर 2022 को है. अमावस्या तिथि पितरों को प्रसन्न करने का उत्तम दिन होता है. शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या पर स्नान-दान के अलावा सुख-समृद्धि (prosperity) पाने के लिए कुछ विशेष उपाय करना भी शुभ होता है. कहते हैं जिनकी कुंडली में पितृदोष हो वह अमावस्या पर खास उपाय कर इससे मुक्ति पा सकते हैं. पितृदोष (Pitridosh) जीवन में बहुत ही कष्ट देने वाला माना गया है, इसलिए जरूरी है कि इसके लक्षण पहचानकर, उपाय से इस दोष को शांत किया जाए.

कई बार जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जानकारी के अभाव में पता नहीं चल पाता कि जो दिक्कतों से आप गुजर रहे हैं कहीं वो पितृदोष तो नहीं. शास्त्रों के अनुसार पितृदोष होने पर विवाह में रुकावट, घर में अशांति, संतान से संबंधित परेशानियां, मेहनत के बाद भी नौकरी या व्यापार (job or business) में तरक्की न होना, आकस्मिक दुर्घटना, अधिकतर स्वास्थ खराब रहना, मांगलिक कार्यों में अड़चने आना आदि तमाम तरह के दुख पित दोष के लक्ष्ण हैं.

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए तीर्थस्थल पर नदी में स्नान कर श्राद्ध कर्म करें. नदी में स्नान संभव न हो तो घर में नहाने के पानी में पवित्र नदी का जल मिलाकर स्नान करें. ब्राह्मण को भोजन कराएं और दान दें.

शुक्र उदय होने के साथ विवाह कार्य भी शुरू हो चुके हैं. ऐसे में किसी जरुरतमंद या गरीब कन्या के विवाह में मदद करने से पितर खुश होते हैं. इससे पितृ दोष शांत होने लगता है.

अमावस्या के दिन जल में दूध, काला तिल, अक्षत, फूल, मिश्री मिलाकर दोपहर के समय पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं. चढ़े हुए जल को नेत्रों से लगाएं, इस दौरान पितृ देवाय नम: मंत्र बोलें. साथ ही शाम के वक्त पीपल में दीप प्रज्वलित करें. पितृ दोष से छुटकारा पाने का ये उपाय बहुत लाभकारी है.

पितरों के नाम से फलदार, छायादार वृक्ष जैसे नीम, पीपल, आंवला, तुलसी, का पौधा लगाएं. इससे भी पितरों को शांति मिलती है. पितृदोष शमन के लिए अमावस्या पर पितृ कवच या रुद्र सूक्त का पाठ करें. इससे जीवन के तमाम कष्टों का निवारण होगा.

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