उत्तराखंड के जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज मंजूर नहीं हैं वहां नए कॉलेज खोलने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जिलों से जमीन मांगी है। चिकित्सा शिक्षा निदेशालय की ओर से इसके लिए सीएमओ को पत्र लिखे गए हैं। दरअसल, केंद्र सरकार मेडिकल कॉलेज विहीन जिलों में नए मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए 90 प्रतिशत बजट दे रही है। इसके लिए शर्त यह है कि उस जिले में एक रनिंग अस्पताल हो। राज्य के छह जिले अभी ऐसे हैं जहां के लिए अभी तक मेडिकल कॉलेज मंजूर नहीं है। ऐसे में इस योजना के तहत इन जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की कवायद शुरू की जा रही है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ.आशुतोष सयाना ने बताया कि मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखे गए हैं। उन्होंने बताया कि जिले के रनिंग अस्पताल के दस किमी दायरे में 20 एकड़ जमीन मेडिकल कॉलेज के लिए चाहिए होगी। इसके साथ ही अस्पताल के पास भी पांच एकड़ जमीन होना जरूरी है। डॉ.सयाना ने बताया कि जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं वहां नया कॉलेज खोलने के लिए केंद्र सरकार 90 प्रतिशत बजट देने को तैयार है।
शिक्षा विभाग की ओर से विधायकों को भी पत्र लिखकर मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन उपलब्ध कराने में प्रशासन की मदद का अनुरोध किया गया है। दरअसल टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने टिहरी में मेडिकल कॉलेज खोलने का अनुरोध किया था उसके बाद यह पत्र लिखे गए हैं। राज्य के चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चंपावत जिलों के लिए अभी मेडिकल कॉलेज मंजूर नहीं हुए हैं। जबकि अन्य जिलों में या तो मेडिकल कॉलेज बन गए हैं या फिर स्वीकृत हो चुके हैं।
प्रतिशत बजट देने को केंद्र सरकार तैयार
चिकित्सा शिक्षा मंत्री, डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि, केंद्र व राज्य सरकार की योजना हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से अगले वित्तीय वर्ष में टिहरी और चमोली में दो नए कॉलेज खोलने की मंजूरी देने का अनुरोध किया गया है।